Simariya Mahotsav

राष्ट्रकवि दिनकर के सिमरिया में सजेगा साप्ताहिक साहित्य महाकुंभ

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के सिमरिया में दिसंबर 2 से 9 तक : जहाँ सजेगा सप्ताहिक साहित्य महाकुंभ वहीं अन्य दो सत्रों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ मुरारी बापू के रामकथा से सियाराममय होयेगा सिमरिया……! इस साहित्य महाकुंभ में देश के विभिन्न प्रांतों के साहित्यकार होंगे शामिल। इस प्रेममय साहित्य यज्ञ में सर्वाधिक लोगों के बैठने की क्षमता वाले पंडाल में छः दर्जन एलसीडी भी लगाये गये हैं। दिनकर की भूमि पर राम कथा, साहित्य और संगीत का 10 दिवसीय समागम इसे संपूर्णता में गौरवान्वित करने जा रहा है।

बता दें कि मिथिलांचल की पवित्र तीर्थनगरी तथा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्म भूमि पर मिथिला की प्रसिद्ध लोक गायिका रंजना झा के स्वागत गान की प्रस्तुति के साथ सिमरिया स्वर्ग लोक में तब्दील हो गया है। साहित्य महाकुंभ एवं राम कथा की पूरी व्यवस्था पर ड्रोन कैमरे की भी नजर रहेगी……।

यह भी जानिए कि इस साहित्य महाकुंभ के आयोजन स्थल पर लगभग दो लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए 300 एकड़ जमीन पर स्विस कॉटेज, मंच, भोजन के पांडाल आदि बनाये जा रहे हैं। कुल मिलाकर लगभग पांच लाख वर्ग फीट का पंडाल बनाया गया है। सुलभ इंटरनेशनल द्वारा 300 के आसपास शौचालय बनाये जा रहे हैं। आयोजन स्थल पर प्रवेश के लिए 2 वीआईपी द्वार समेत पांच अन्य बड़े-बड़े द्वारों का निर्माण भी किया गया है।

बिहार में पहली बार आयोजित किया गया है- राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की धरती पर श्रद्धा एवं साहित्य का संगम। यह पहला आयोजन है जिसमें विश्वभर से पधारे साहित्यकारों, कलाकारों एवं सांस्कृतिक कर्मियों का होगा विचार मंथन। व्यवस्थाएँ जितनी बेहतरीन है, विचार भी उतना ही विशाल। तभी तो दलित बच्चों से स्वागत-आरती कराकर दिनकर की धरती से समरसता का संदेश दिया जा रहा है। सभी धर्मों व संप्रदायों के 10 लाख लोग रोजाना करेंगे भोजन जिसके लिए समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय आदि आसपास के जिलों से बुलाये गये हैं 5 हज़ार हलवाई। इसके अतिरिक्त कोलकाता एवं गुजरात से भी कारीगरों को मंगाये गये हैं।

चलते-चलते यह भी बता दें कि राष्ट्रकवि दिनकर की भूमि पर ‘संस्कृति के चार अध्याय’- धर्म, साहित्य, संस्कृति और समाज का अद्भुत संगम है….. सिमरिया का यह साहित्यिक महाकुंभ…….। 9 दिसंबर से पूर्व एक बार तो इस साहित्यिक महाकुंभ में स्नान करने के लिए आईए…..।

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