Dr.Bhupendra Madhepuri popularly known as Bhishma Pitamah of Madhepura presenting his book Chhota Lakshya Ek Apradh Hai to the renowned playback singer Md.Aziz.

बड़ी दूर से आए हैं… गीत गाकर हमसे दूर चले गए मो.अजीज

अभी-अभी 20 नवंबर की ही तो बात है, मधेपुरा (बिहार) में गोपाष्टमी महोत्सव के समापन के अवसर पर बॉलीवुड के लोकप्रिय प्लेबैक सिंगर मोहम्मद अजीज के इस गीत (‘बड़ी दूर से आए हैं’) ने खूब तालियां बटोरी थीं… और सप्ताह भी नहीं बीता कि हमसे बहुत दूर चले गए हर दिल अजीज मो. अजीज। अब भारतरत्न लता मंगेशकर से लेकर गायक-गायिकाओं की आज तक की पीढ़ी की आवाज से आवाज मिलाने वाले मो. अजीज को कोई देख ना पाएगा..!

 

Dr.Bhupendra Madhepuri presenting his book "Chhota Lakshya Ek Apradh Hai" to Md.Aziz.
Dr.Bhupendra Madhepuri presenting his book “Chhota Lakshya Ek Apradh Hai” to Md.Aziz.

मधेपुरा में समाजसेवी-साहित्यकार डॉ. मधेपुरी की मो. अजीज से लंबी बातचीत हुई थी। डॉ. मधेपुरी ने उन्हें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के ऊपर लिखी अपनी चर्चित किताब ‘छोटा लक्ष्य एक अपराध है’ भेंट करते हुए उनके साथ के संस्मरणों को उनसे साझा किया था। संयोगवश मो. अजीज के भी कलाम साहब से निकट संबंध थे। फिर क्या था, दोनों लोगों के बीच कलाम साहब जैसे ‘पुल’ हों तो बातों का सिलसिला चल पड़ना लाजिमी ही था।

मो. अजीज ने बातचीत के दौरान डॉ. मधेपुरी से अपनी कुछ पंक्तियां सुनाने का आग्रह किया था, जिसे डॉ. मधेपुरी टाल ना पाए और उन्हें अपनी कुछ पंक्तियां सुनाईं जो ये थीं:
कहाँ जन्मे सुनो हम नहीं जानते
कब मरेंगे कहाँ हम नहीं जानते
काम करना है, रुकना नहीं है यहाँ
कब छुटेगा जहाँ हम नहीं जानते।
मो. अजीज को डॉ. मधेपुरी की पंक्तियां कुछ इस कदर भाईं कि वो तत्काल उसे गुनगुनाने भी लगे। शायद वो इन पंक्तियों को अपना स्वर देना चाहते थे। उन्होंने डॉ. मधेपुरी को मुंबई बुलाया। डॉ. मधेपुरी मुंबई गए भी। लेकिन मुलाकात नहीं होनी थी, सो नहीं हुई… कहाँ जन्मे सुनो हम नहीं जानते… कब मरेंगे कहाँ हम नहीं जानते..!

बहरहाल, 80-90 के दशक में एक से बढ़कर एक हिट गानों को अपनी आवाज से नवाजने वाले मो. अजीज ने मंगलवार को 64 साल की उम्र में मुंबई के नानावटी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनका जन्म 2 जुलाई 1954 को पश्चिम बंगाल में हुआ था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कोलकाता से एक कार्यक्रम कर मंगलवार को मुंबई आने के क्रम में मुंबई एयरपोर्ट पर ही उनकी तबीयत खराब हुई। उन्हें वहां से सीधे नानावटी अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था।

चलते-चलते बता दें कि अस्सी के दशक में मो. अजीज कई बड़े अभिनेताओं की आवाज बने जिनमें अमिताभ बच्चन, मिथुन चक्रवर्ती, ऋषि कपूर, सनी देओल और गोविंदा के नाम प्रमुख हैं। अमिताभ बच्चन के ऊपर फिल्माया गया गीत ‘तू मुझे कबूल’ (फिल्म ‘खुदा गवाह’) हो या गोविन्दा के ऊपर फिल्माया गया गीत ‘आपके आ जाने से’ (फिल्म ‘खुदगर्ज’), इन गीतों को भला कौन भूल सकता है..! उन्होंने हिन्दी के अलावे मराठी, बंगाली समेत कई भारतीय भाषाओं में गीत गाए थे। उन्हें ‘मधेपुरा अबतक’ की विनम्र श्रद्धांजलि..!

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