बुधवार, 21 नवंबर को सहरसा के पटेल मैदान में आयोजित जदयू के प्रमंडलीय अतिपिछड़ा सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुनने की खातिर उमड़े जनसैलाब ने बहुत कुछ कह दिया। इस सम्मेलन ने स्पष्ट कर दिया कि ना केवल नीतीश कुमार का आकर्षण अब भी बरकरार है, बल्कि लोग उनके द्वारा किए गए कार्यों के प्रति सम्मान और भविष्य के लिए उनमें आस्था भी रखते हैं।
जदयू के इस बड़े आयोजन के आकर्षण का केन्द्र स्वाभाविक तौर पर नीतीश कुमार थे। उनके साथ ही कोसी की जदयू की सभी बड़ी हस्तियां भी मंचस्थ थीं। मुख्यमंत्री के साथ मौजूद प्रमुख लोगों में ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेशचन्द्र यादव, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव, पूर्व सांसद एवं बीएनएमयू के संस्थापक कुलपति डॉ. रमेन्द्र कुमार यादव रवि, पूर्व सांसद सूर्यनारायण यादव, पूर्व मंत्री एवं विधायक नरेन्द्र नारायण यादव, विधानपार्षद ललन सर्राफ एवं जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमरदीप शामिल हैं। मंचासीन अन्य लोगों में विधायक निरंजन मेहता, विधायक रत्नेश सदा, विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव, विधायक बीना भारती एवं प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल उल्लेखनीय हैं। सम्मेलन की अध्यक्षता जहाँ सहरसा जिला जदयू अध्यक्ष चन्द्रदेव मुखिया ने की, वहीं मधेपुरा के जिला अध्यक्ष बिजेन्द्र प्रसाद यादव, सुपौल के जिलाध्यक्ष रामविलास कामत एवं तीनों जिला के अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी मंच पर विराजमान रहे।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज राज्य में कोई ऐसा विभाग नहीं, जहां उत्थान की योजनाएं नहीं चल रहीं और कोई ऐसा वर्ग नहीं, जो सरकार की योजनाओं से अछूता है। सबके लिए समान रूप से काम हो रहा है। सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि घर-घर बिजली पहुँचाने का लक्ष्य तीन माह पूर्व पूरा हो चुका है। एक साल के अंदर सभी जिलों एवं पंचायतों में कृषि के लिए अलग बिजली फीडर होगा। साथ ही राज्य के सभी जर्जर बिजली के तारों को बदल दिया जाएगा। कृषि के संबंध में उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भी बिहार ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। वर्ष 2005 में राज्य की उत्पादकता सबसे कम थी। लेकिन, आज हम सौ फीसदी के साथ राष्ट्रीय औसत को पछाड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि बिना उद्योग-धंधे वाले इस राज्य में निचले स्तर से विकास कार्यों को करते हुए बिहार का विकास दर आज दो अंकों से दस फीसदी पर पहुँच चुका है।
इससे पूर्व लोकसभा व राज्यसभा के पूर्व सदस्य एवं बीएनएमयू के संस्थापक कुलपति डॉ. रमेन्द्र कुमार यादव रवि ने अपने काव्यमय संबोधन से मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि बिहार की तकदीर बदलने वाले नीतीश कुमार प्रशासक और समाज-सुधारक दोनों हैं। उनमें सरदार पटेल और राजा राममोहन राय की छवि एक साथ देखी जा सकती है। वहीं, बिहार सरकार के तीनों मंत्रियों – बिजेन्द्र प्रसाद यादव, दिनेशचन्द्र यादव एवं रमेश ऋषिदेव – ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रहे कार्यों एवं कल्याणकारी योजनाओं से जनसमूह को अवगत कराया और आह्वान किया कि 2019 और 2020 के चुनाव में अपार समर्थन देकर अपने नेता का मनोबल और बढ़ते बिहार की रफ्तार को बढ़ाएं।