भारतीय संस्कृति का सांस्कृतिक वैभव तो यही है कि हम चार पैरों वाले बेजुबान पशु को आस्था और अराधना का केंद्र बनाकर ना जाने कबसे गोपाष्टमी मनाते चले आ रहे हैं | संवेदना और संस्कार की ऐसी समृद्ध गरिमा को 4 दिनों से इस चार दिवसीय प्रथम राजकीय गोपाष्टमी महोत्सव में लगातार गौरवान्वित करती आ रही है- अपनी सुरीली आवाज से एंकरिंग करती हुई गरिमा यादव……. और गरिमामयी एंकरिंग के चलते ही सजी हुई इस महफिल में चारों ओर सुनाई देती रही हैं तालियों की गड़गड़ाहट |

बता दें कि बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन मधेपुरा द्वारा आयोजित चार दिवसीय गोपाष्टमी महोत्सव (17-20 नवंबर) का उद्घाटन मंत्री रमेश ऋषिदेव और डीएम नवदीप शुक्ला (आईएएस) की टीम द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया | प्रथम दिन यानी उद्घाटन के दिन प्रिया राज, अमर आनंद, स्वीटी व सिमरन की प्रस्तुति पर दर्शक थिरकते रहे | दूसरे व तीसरे दिन जहाँ राइजिंग स्टार व सारेगामापा के कलाकारों सहित भागलपुर-वाराणसी-प्रयागराज के शास्त्रीय गायन के कलाकारों की सुरीली आवाज से लेकर भिन्न-भिन्न प्रकार के नृत्यों पर सारे-के-सारे दर्शक सर्द भरी रातों में भी झूमते रहे, गाते रहे और गुनगुनाते रहे…… वहीं समापन को यादगार बनाने में लगे रहे कोलकाता से आई अर्पिता और बॉलीवुड में हजारों गीत के गायक हर दिल अजीज जनाब मो.अजीज | अजीज-अर्पिता की जोड़ी ने अपने सधे हुए सुरों से बनाया महोत्सव को गुलजार |

यह भी जानिए कि समापन कार्यक्रम से पूर्व ही जिला अतिथिशाला में समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम पर लिखी गई पुस्तक “छोटा लक्ष्य एक अपराध है ” भेंट करते हुए प्रसिद्ध बॉलीवुड गायक मो.अजीज से यही कहा-
मधेपुरा की यह धरती समाजवादियों के साथ-साथ साहित्यकारों कलाकारों एवं संगीतकारों, को भी सम्मान देने का काम करती रही है जिसे आप कार्यक्रम के दरमियान महसूसेंगे।
इन दोनों दिग्गजों डॉ.मधेपुरी एवं मो.अजीज के बीच राष्ट्रीय गान के रचनाकार रविन्द्रनाथ टैगोर, सत्य अहिंसा के पालक महात्मा गांधी एवं संपूर्ण भारतीय डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के बाबत देर तक चर्चाएं होती रहीं…..। बाद में मीडिया से रू-ब-रू होते हुए मो.अजीज ने कहा-
पहले के गीतकारों एवं संगीतकारों को हिन्दी व शायरी की अच्छी समझ होती थी | उस समय के गीत रूह को जगा देती थी……. अब हिन्दी कम होने लगी है…….. और हिंगलिश गानों का फैशन आकाश छूने लगा है | खेद प्रकट करते हुए यह भी कहा कि बॉलीवुड में भी राजनीति प्रवेश कर गया है | तभी तो इंग्लिश मीडियम के लोग हिन्दी गाना गा रहे हैं | युवा कलाकारों के लिए कहा कि संगीत में कामयाब होने के लिए अपनी बुनियाद को मजबूत करनी होती है |
समापन में स्थानीय गायक संजीव कुमार, रेखा यादव, सृजन दर्पण के विकास कुमार की टीम आदि ने खूब तालियां बटोरी | जब मंच पर उतरे मो.अजीज और उनकी अर्पिता तो गरिमा यादव की एंकरिंग ने मंच की गरिमा और बढ़ा दी……| दर्शक दीर्घा में बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार, पूर्व परीक्षा नियंत्रक, कुलानुशासक व कुलसचिव रह चुके प्रो.(डॉ.) भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी, प्राचार्य प्रो.श्यामल किशोर यादव…..एसडीएम वृंदा लाल , एसडीपीओ मो.वशी अहमद तथा महोत्सव को सफलतापूर्वक समापन तक ले जाने में लगे रहने वाले एनडीसी डॉ.रजनीश राय…..आदि ने अन्त तक रहकर सभी कलाकारों को सम्मानित किया।