भारतीय रेल की पैंट्रीकार में अब परोसा जाएगा गरमागरम ताजा भोजन !

भारतीय रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री अश्विनी लोहानी की मंजूरी के बाद से सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को निर्देश जारी कर दिए गये हैं कि आई आर सी टी सी के लिए चलती ट्रेन में पैसेंजरों को गर्म, ताजा और स्वच्छ भोजन परोसने बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को सभी स्वीकार करें और तेजी से काम करें।
बता दें कि इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने सभी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की पैंट्रीकार को नया स्वरूप देने हेतु मरम्मत व रखरखाव का काम आईआरसीटीसी (Indian Railway Catering and Tourism Corporation Ltd.) को सौंपने का निर्णय लिया है। जबकि पूर्व में भारतीय रेल के पैंट्रीकार में यांत्रिकी, तकनीकी व विद्युतीय आदी प्रकार की कोई खराबी होने पर उसकी मरम्मत व ठीक करने का काम भारतीय रेल द्वारा किये जाने वाले नियम के तहत ठीक होने में काफी वक्त लग जाया करता क्योंकि रेलवे में अलग-अलग दर्जनों विभाग होने से कौन करे……. कौन ना करे….. इसमें विलंब होना स्वाभाविक हो जाता।
अब भारतीय रेल की पैंट्रीकार में बर्तन धोने, रखने और खाना पकाने की नहीं होगी समस्या, क्योंकि पेंट्रीकार को नया स्वरूप देने वाले फैसले के अनुरूप कार्य प्रगति पर है। और हाँ ! यदि पैसेंजरों द्वारा रेल को सहयोग किया जाए तो और गुणवत्तापूर्ण भोजन उन्हें सदैव मिलता रहेगा।
रेल यात्रियों को यह जानना और मानना होगा कि जिस वेज खाने का आप ₹120 बिना बिल लिए भुगतान करते हैं वह वास्तव में ₹50 का होता है और नॉनवेज मात्र ₹55 का जिसके लिए आप ₹140 बिना रसीद लिए देते हैं। भारतीय रेल द्वारा आरंभ से ही मेनूकार्ड और रेट जारी किया गया है…… जानकारी के अभाव में पैसेंजर मांगते नहीं और यदि मांगने पर वह बहाना बनाता तो यह कह कर छोड़ देते कि अरे  चलो साल में दो-तीन बार ही तो रेल यात्रा करता हूं…… थोड़ा ले ही लिया तो क्या हुआ ?
बता दें कि भारत में रोजाना लगभग 7000 पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं ….. यदि दो हज़ार में ही पैंट्रीकार हो तो आप हैरत में पड़ जाएंगे की गणना अनुसार भारतीय रेल में प्रतिदिन 20 से 30 करोड़ का काला धन जनरेट होता है…… 1 महीने में अरबों…… वर्ष की गिनती संभव नहीं ….। ये सारे पैसे बिना टैक्स दिये ठेकेदारों की जेब में चले जाते हैं।
यदि हम और आप छोटी सी कोशिश करें तो बदलाव ला सकते हैं ….. रेलवे से रशीद लेना न भूलें तो ….. आने वाली पीढ़ी को काले धन की बुराइयों से बचा सकते हैं। हम अपने बच्चों को गरमा-गरम, ताजा और शुद्ध भोजन उचित दाम पर खिला सकते हैं….. चाय-कॉफ़ी के बाबत लिए जा रहे डबल चार्ज को आधा करा सकते हैं….।

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