21 जनवरी को जदयू के प्रमंडलीय अतिपिछड़ा सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहरसा आगमन को लेकर कोसी प्रमंडल में पार्टी की तीनों इकाई – मधेपुरा-सहरसा-सुपौल – जोरशोर से तैयारी में जुटी है। इस सम्मेलन के अतिरिक्त भी मधेपुरा में जदयू के दो बड़े कार्यक्रम एक सप्ताह के भीतर होने हैं। गौरतलब है कि 18 नवंबर को जहां मधेपुरा के नगर भवन में जहां अल्पसंख्यक जिला सम्मेलन होगा, वहीं 24 नवंबर को स्थानीय जीवन सदन में जदयू महिला समागम का सम्मेलन होना तय है।
कहने की जरूरत नहीं कि 2019 का लोकसभा चुनाव निकट है और 2020 का विधानसभा चुनाव भी अधिक दूर नहीं। इन वजहों से मधेपुरा जदयू की इकाई इन सभी कार्यक्रमों, विशेषकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में होने वाले कार्यक्रम, को सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इस परिप्रेक्ष्य में 15 नवंबर को स्थानीय शिवनंदन प्रसाद मंडल विधि महाविद्यालय के सभागार में मधेपुरा जिला जदयू की तैयारी बैठक हुई, जिसमें आलमनगर के विधायक व पूर्व मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव, जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमरदीप, मधेपुरा के पूर्व विधायक मणीन्द्र कुमार मंडल उर्फ ओम बाबू, जिला प्रभारी अमर चौधरी उर्फ भगवान बाबू, प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल, पूर्व प्रदेश महासचिव बीबी प्रभाकर, प्रदेश सलाहकार समिति के सदस्य सत्यजीत यादव, सुजीत कुमार मेहता, डॉ. नीलाकांत, राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य गुड्डी देवी एवं वरीय नेता गोवर्द्धन मेहता मुख्य रूप से उपस्थित रहे। बैठक की अध्यक्षता पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रो. बिजेन्द्र नारायण यादव ने की।
इस बैठक के संबंध में ‘मधेपुरा अबतक’ से बात करते हुए जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमरदीप ने कहा कि न केवल बिहार बल्कि देश की राजनीति में मधेपुरा ने हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है। समाजवाद को आकार देने की बात हो तो भूपेन्द्र नारायण मंडल, पिछड़ों को आवाज देने की बात हो तो मंडल कमीशन के जनक बीपी मंडल, भारतीय संविधान की रचना करने की बात हो तो संविधान सभा के सदस्य के रूप में चतरा के कमलेश्वरी प्रसाद यादव और राज्य की विधि व्यवस्था को सांचे में ढालना हो तो मधेपुरा के ही शिवनंदन प्रसाद मंडल याद किए गए। आज जबकि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार अपने विकास और वैभव की नई इबारत लिख रहा है, तब भी बिहार के अगुआ के साथ कदमताल करने में मधेपुरा ही सबसे आगे होगा। डॉ. अमरदीप ने कहा कि मधेपुरा के लोग अगर जग जाएं तो सहरसा का पटेल मैदान (जहां मुख्यमंत्री का कार्यक्रम हो रहा है) क्या, पटना का गांधी मैदान भी छोटा पड़ जाएगा। अल्पसंख्यक एवं महिला सम्मेलन भी अभूतपूर्व होगा।
तैयारी बैठक में सभी वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि चाहे महिलाओं की आधी आबादी हो, चाहे अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन सबके उत्थान में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यह हम सभी का नैतिक दायित्व है कि इन सभी कार्यक्रमों में अधिक से अधिक संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कर अपने नेता का हौसला बढ़ाएं। बैठक में अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष प्रदीप साह, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मो. आजाद, महिला जदयू की जिलाध्यक्ष मीना देवी, व्यवसायिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अशोक चौधरी, दलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष नरेश पासवान, युवा जदयू के जिलाध्यक्ष रूपेश कुमार गुलटेन, छात्र जदयू के जिलाध्यक्ष अमित आनंद मौजूद रहे। इनके अतिरिक्त कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करने वालों में जदयू मीडिया सेल प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य यादव उमेश कुमार, जिला मीडिया संयोजक प्रो. मनोज भटनागर एवं युवा जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष युगल पटेल प्रमुख हैं।