लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीटों को लेकर मची खींचतान अब अपनी परिणति पर पहुंच रही है। जदयू और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्षों द्वारा बराबर-बराबर सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने की विधिवत घोषणा के बाद से लगातार ‘असहज’ चल रहे उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए में अपनी मांग पूरी ना होते देख महागठबंधन की शरण में जाते दिख रहे हैं। इस सिलसिले में उन्होंने महागठबंधन के नेता शरद यादव से नई दिल्ली में बकायदा मुलाकात भी की है। उधर माना जा रहा है कि एनडीए ने सीट शेयरिंग का नया फॉर्मूला तय कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की एनडीए से छुट्टी होने की स्थिति में बिहार में भाजपा और जदयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा को छह सीटें दी जाएंगी।
बहरहाल, शरद यादव से मुलाकात के बाद रालोसपा ने नई रणनीति तैयार की है जिसके तहत अब कुशवाहा की पार्टी महागठबंधन का हिस्सा हो सकती है। बता दें कि एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा के सामने दो सीटों का प्रस्ताव रखा था, जिस पर कुशवाहा हरगिज तैयार ना थे। अपनी राजनीतिक ताकत को नीतीश कुमार से ज्यादा बताते हुए उन्होंने ज्यादा सीटें मांगी थीं और इस संबंध में वे लगातार अमित शाह से मिलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन भाजपा अध्यक्ष ने उन्हें वक्त नहीं दिया। वहीं, दूसरी ओर कुशवाहा लगातार ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे थे। जुबानी जंग तथाकथित ‘नीच’ प्रकरण तक पहुँची और फिर इस स्तर तक बढ़ गई कि उन्होंने नीतीश पर रालोसपा विधायकों को तोड़ने का भी गंभीर आरोप लगा दिया। ऐसे में ये अटकलें तेज हो गई थीं कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए से अलग हो सकते हैं।
बहरहाल, इस बीच माना जा रहा है कि शरद से मुलाकात के दौरान कुशवाहा ने छह सीटों की मांग की है। इस संबंध में शरद अगले हफ्ते लालू से रांची में अपनी प्रस्तावित मुलाकात के दौरान बात कर सकते हैं। आरजेडी सुप्रीमो से हरी झंडी मिलने के बाद कुशवाहा से उनकी अगले चरण की बात होगी।