A Group of Senior Sahityakar ie Vice-Chairman of International Jan Lekhak Sangh Shri Harsh Bhadur Vishwas, Dr.Shanti Yadav, Dr.Alka Verma, Madhu Pokhrel, Dr.Ranjeet Saha, Dr.Brajesh & others attending in Lakarpan Samaroh of Dr.Madhepuri's Book- "Rasbihari Lal Mandal : Paradhin Bharat Mein Swadhin Soch".

जहाँ साहित्य समाज का दर्पण है वहीं पत्रकारिता उसकी धड़कन !

प्रसिद्धि प्राप्त लेखक व उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की पुण्यतिथि मनाने के क्रम में कुमारखंड प्रखंड के भतनी गाँव में भारतीय जन लेखक संघ का प्रथम अंचल सम्मेलन आयोजित किया गया। जन लेखक संघ के अंतर्राष्ट्रीय महासचिव श्री महेंद्र नारायण पंकज एवं कोलकाता से आये साहित्यकार कुशेश्वर के संचालन में आयोजित परिसंवाद एवं अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के दौरान देश और विदेश के कवि साहित्यकार व विद्वानों ने भाग लिया।

Patron of BJLS Dr.Madhepuri & Rastriya Mahasachiv Mahendra Narayan Pankaj jointly giving Certificate & Momento to Kavi-Sahityakar Shri Kusheshwar from West Bengal.
Patron of BJLS Dr.Madhepuri & Rastriya Mahasachiv Mahendra Narayan Pankaj jointly giving Certificate & Momento to Kavi-Sahityakar Shri Kusheshwar from West Bengal.

बता दें कि जगमग नगरों से दूर, बहुत दूर राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक व साहित्यकार महेंद्र नारायण पंकज द्वारा अपने गाँव ‘भतनी’ में जहाँ भूटान से अंतरराष्ट्रीय जन लेखक संघ के उपाध्यक्ष श्री हर्ष बहादुर विश्वा, नेपाल से मधु पोखरेल, भवानी पोखरेल, एस.डी.विश्वकर्मा, खगेंद्र राई, पश्चिम बंगाल से डॉ.रंजीत, डॉ.बृजेश कुमार भारती, कवि कुशेश्वर एवं उत्तर प्रदेश से बीएचयू के प्रोफेसर (डॉ.)महेश प्रसाद अहिरवार सरीखे चोटी के कवियों व साहित्यकारों को आमंत्रित किया गया था वहीं परिसंवाद के दौरान दिए गए विषय पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए जिले के कवि-साहित्यकार व बुद्धिजीवी के रूप में प्रोफेसर (डॉ.)भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी, डॉ.शांति यादव, प्रो.श्यामल किशोर यादव, डॉ.अलका वर्मा, डॉ.जवाहर पासवान, ई.हरिश्चंद्र मंडल आदि को भी बुलाया गया था। मौके पर पूर्व एमएलसी बलराम सिंह यादव ने कहा कि पत्रकारिता व साहित्य समाज का दर्पण ही नहीं बल्कि बदलाव का साधन भी है।

Samajsevi Sahityakar Prof.(Dr.)B.N.Madhepuri presenting Certificate of Honour & Momento to a famous Sahityakar Shri Chandra Kishor Jaiswal, a Literary giant of Bihar.
Samajsevi Sahityakar Prof.(Dr.)B.N.Madhepuri presenting Certificate of Honour & Momento to a famous Sahityakar Shri Chandra Kishor Jaiswal, a Literary giant of Bihar.

जानिए कि उद्घाटन भाषण में जहाँ बीएचयू से आए प्राचीन इतिहास के प्रो.महेश अहिरवार ने कहा कि डॉ.अंबेडकर ने जिस संविधान की रचना की और आरक्षण को सविस्तार समझाया उसी पर वर्तमान समय में आरक्षण विषय को लेकर भ्रांतियां फैलाई जा रही है। वहीं ख्याति प्राप्त साहित्यकार व मुख्य अतिथि चंद्र किशोर जायसवाल सहित डॉ.मधेपुरी, डॉ.शांति यादव, डॉ.इंद्र नारायण यादव, प्रो.श्यामल किशोर यादव एवं विदेश व दूसरे प्रांतों से आए प्रो.पंकज साहा, डॉ.रंजीत साहा, डॉ.ओम प्रकाश मौर्य सभी साहित्य कर्मियों ने मुंशी प्रेमचंद के साहित्य लेखन को देश के गरीब-मजदूर परिवार की दशा बताने वाला बताया।

अंत में अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का संचालन कवि कुशेश्वर द्वारा की गई। समयाभाव के कारण कवियों को एक कविता सुनाकर ही संतोष करना पड़ा। शुभारंभ हरि नारायण यादव एवं सोनी-मनीषा के स्वागत गान एवं स्वागत भाषण से हुआ। सचिव गजेंद्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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