सहरसा में कोसी महोत्सव एवं शिव की नगरी में सिंहेश्वर महोत्सव के तर्ज पर मधेपुरा में भी बिहार सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा गोपाष्टमी मेला को पहली बार राजकीय महोत्सव का दर्जा दिया गया। गोपाष्टमी महोत्सव का आयोजन 15 नवंबर से किया जायगा। पूर्व में इस मेला को विस्तार दिया गौशाला समिति के सचिव पृथ्वीराज यदुवंशी ने जिसके चलते गोपाष्टमी मेला को महोत्सव का दर्जा तो मिला ही- साथ ही पहली बार 20 लाख रुपए आवंटित होने की पुष्टि समाजसेवी डॉ.मधेपुरी द्वारा पूछे जाने पर आयोजन समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे सदर एसडीएम बृंदा लाल ने की।
बता दें कि दो दिवसीय सरकारी महोत्सव एवं लगभग 1 सप्ताह का गौशाला समिति की ओर से गोपाष्टमी मेला होगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि स्थानीय कलाकारों के अतिरिक्त दो दिवसीय गोपाष्टमी महोत्सव में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कलाकार बुलाये जायेंगे। यह भी निर्णय लिया गया कि महोत्सव में कृष्ण लीला, राधा-कृष्ण पर प्रवचन, डांडिया, कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित किया जायेगा। साथ ही खेल आदि के आयोजन हेतु चर्चा भी की गई।
अध्यक्ष सदर एसडीएम बृंदा लाल ने कहा कि महोत्सव के सारे क्रिया-कलापों में पारदर्शिता के साथ राशि खर्च की जायेगी और आयोजन हेतु दूसरी बैठक में आवश्यक समितियों का गठन भी किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम निर्णय जिला अधिकारी के निर्देशानुसार ही स्वीकार्य होगा।
समाजसेवी साहित्यकार डॉ. भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी एवं प्रोफेसर श्यामल किशोर यादव ने स्मारिका प्रकाशन की चर्चा की जिसे अगली बैठक में विचारार्थ रखा जायेगा। बैठक में प्रो.जटाशंकर यादव, डॉ.नायडू, डॉ.आर.के.पप्पू, डॉ.रवि रंजन, प्रो.रीता कुमारी, प्रो.अरुण कुमार बच्चन, प्रो.गणेश प्रसाद, रिंकी यदुवंशी, रविंद्र प्रसाद यादव, राजेश सर्राफ, संजय कुमार जायसवाल, देव नारायण साह, विकास कुमार, आर.पी.यादव, मुकेश कुमार, ई.मयंक, ई.अभिनव आदि उपस्थित थे।