Ramdev Safi Bihar

रामदेव साफी 28 वर्षों से थामे हैं- स्वच्छता की मशाल

कोसी अंचल के महिषी गाँव निवासी रामदेव साफी ने वहाँ की गलियों एवं सड़कों को साफ रखने हेतु 28 वर्षों से “स्वच्छता की मशाल” जलाकर खुद को बापू से  तथा झाड़ू को अपने जीवन से जोड़ लिया है | उन्होंने नौकरी में रहते हुए 1991 से ही सफाई को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया | अब तो क्षेत्र के कुछ नामचीन लोग भी इन्हें ‘स्वच्छतादूत’ कहकर संबोधित करने लगे हैं |

बता दें कि सहरसा सदर एसडीएम कार्यालय में सहायक के पद पर कार्यरत रहे रामदेव साफी जहाँ कहीं ज्यादा गंदगी देखते तो छुट्टी लेकर भी वहाँ सफाई में जुट जाते | त्योहारों की छुट्टी एवं रविवार के दिन वे अलग-अलग इलाके में सफाई की अलख जगाते |

यह भी जानिये कि उन्हें सड़कों पर झाड़ू लगाते देख पहले तो लोगों ने दशरथ मांझी की तरह खूब मजाक उड़ाया फिर भी वें अपने लक्ष्य से नहीं डिगे | आहिस्ता-आहिस्ता लोगों की धारणा बदलने लगी | तब युवावर्ग भी रामदेव साफी के संग आने लगा………. स्वच्छता के प्रति समर्पण देखकर कुछ लोग अब इन्हें “स्वच्छता संत” भी कहने लगे हैं और सर्वाधिक सम्मान भी देने लगे हैं |

फिलहाल सेवानिवृत्त 68 वर्षीय रामदेव साफी प्रत्येक रविवार एवं गुरुवार को मौन व्रत धारण कर झाड़ू पकड़ सड़कों की सफाई में सवेरे से जुट जाते हैं | ग्रामीण युवा क्लबों एवं उग्रतारा न्यास समिति से जुड़े सदस्यगण अब रामदेव साफी के कार्यों की सराहना करने के साथ-साथ उन्हें अपना आदर्श भी मानने लगे हैं |

जहाँ एक और रामदेव साफी ने संकल्पित युवा वर्गों से कहा कि हर व्यक्ति यदि अपने आस-पास की साफ-सफाई पर ध्यान दे तो कहीं भी गंदगी नहीं मिलेगी, वहीं दूसरी ओर नीतीश सरकार के नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा ने मधेपुरा अबतक से कहा कि शहरों में अभिशाप बन चुके कचरे से अब बनेगा जैविक खाद, बिजली, डीजल और पानी | मंत्री ने यह भी कहा कि गांधी जयंती 2 अक्टूबर तक सभी निकाय होंगे ओडीएफ (यानि खुले में शौचमुक्त)- पहले जागरूकता और फिर कार्रवाई का अभियान चलाया जायेगा |

सम्बंधित खबरें