Samajsevi Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri with Smt. Bechani Devi (Wife of Shahid Bhola Thakur) and others at Chainpur village , Saharsa.

डॉ.मधेपुरी सहरसा में शहीद भोला ठाकुर पथ बनाने को संकल्पित

क्या वर्ष 1942 में सहरसा रेलवे स्टेशन के पास अंग्रेजों की सेना को रोकने के लिए उमड़ पड़ी भीड़ के आंदोलनकारियों- जिनमें भोला ठाकुर (चैनपुर), केदारनाथ तिवारी (नरियार), कालेश्वर मंडल (बलहा) तथा पुलकित कामत एवं हरिकांत झा (बनगांव) शहीद हुए थे- ने कभी यह सोचा भी होगा कि आजादी खातिर उनके प्राण न्योछावर करने के बाद आजाद भारत में उनकी पत्नी व बच्चों को बीमारी की अवस्था में भी दवा तक नसीब नहीं होगी और उसी आजाद भारत के कुछ लोग हजारों-हजार करोड़ रुपये सर्वाधिक सहूलियत के साथ लेकर विदेशों में मौज-मस्ती व ऐश करते रहेंगे और भारत सरकार मुंह देखती रहेगी !

बता दें कि मीडिया के माध्यम से जब लोगों को आज की तारीख में यह जानकारी मिली कि सहरसा जिले के चैनपुर में शहीद भोला ठाकुर की पत्नी बेचनी देवी अभी भी जिंदा हैं तथा हृदय रोग से ग्रसित हैं……. इन्हें अपनी कोई संतान भी नहीं । हाँ ! बेरोजगार भातीज अजय ठाकुर अपनी पत्नी एवं दो बच्चों के साथ बूढ़ी माता बेचनी देवी को मिलने वाले पेंशन पर ही सपरिवार गुजर-बसर भी करता है तथा बारी-बारी से पति-पत्नी जग-जग कर वर्तमान बेईमान सरकारी तंत्र के बीच ईमानदारी से माता बेचनी देवी की सेवा में लगा भी रहता है।

मधेपुरा के डॉ.कलाम कहलाने वाले सर्वाधिक संवेदनशील साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने अपने निकटतम मित्र आर.एम. कॉलेज सहरसा के प्रभारी प्राचार्य डॉ.विनय कुमार चौधरी को साथ चलने की बात कही तथा जाड़े को दृष्टिपथ में रखते हुए कंबल, साडी- व साॅल आदि विभिन्न चीजों के साथ- पांच हज़ार की अल्प राशि लिए पहूँच गये चैनपुर और 2 घंटे तक ग्रामीणों के बीच चैनपुर की माताश्री से बातें की और अपनी “आजादी” कविता सुनाते रहे। चलते समय डॉ.मधेपुरी ने माता बेचनी देवी का आशीष प्राप्त कर बस इतना ही कहा- जब तक हम सबों की ये माताश्री धरती पर रहेंगी तब तक प्रत्येक महीने के प्रथम सप्ताह में वे (डॉ.मधेपुरी) ₹1000 का मनीऑर्डर भेजते रहेंगे……!! साथ ही उन्होंने यह भी कहा- शहीदों को हम भुला नहींं सकते, वो थेे तभी तो आज हम हैं। बता दें कि डॉ.मधेपुरी ने पहलेे भी शहीदोंं, स्वतंत्रता सेनानियों के नाम सार्वजनिक स्थलोंं का निर्माण करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है , जिनमें शहीद चुल्हाय मार्ग, शहीद चुल्हाय पार्क, डॉ. एपीजेे अब्दुल कलाम पार्क मधेपुरा, शहीद पार्क मधेपुरा, भूपेन्द्र नारायण मंडल वाणिज्य महाविद्यालय मधेपुरा, भूपेन्द्र चौक आदि प्रमुख हैं। इसके अलावे ₹10 लाख रुपये की जमीन महामहिम राज्यपाल के पदनाम रजिस्ट्री कर मधेपुरा वार्ड नंबर- 1 में दार्जिलिंग पब्लिक स्कूल की ओर जाने वाला डॉ.मधेपुरी मार्ग भी…..।

चैनपुर गाँव के अधिकांश सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों सहित अंत तक अपनी उपस्थिति बनाये रखे- सुंदरकान्त ठाकुर उर्फ टुनटुन झा, सचिव ‘समाधान’, अजय कुमार ठाकुर, श्री कृष्ण झा, ब्रह्मदेव ठाकुर, जीतन मिश्र, राजेंद्र मिश्र, राजेंद्र ठाकुर, सुभाष चंद्र मिश्र, मंटू जी आदि।

सम्बंधित खबरें