अब कोसी के ही चालक चलायेंगे विद्युत इंजन लगी ट्रेनें

कोसी यानी सहरसा जंक्शन से अब विद्युत इंजन लगी ट्रेनों को छपरा, दरभंगा, पटना….. आदि स्टेशनों तक ले जाने के लिए समस्तीपुर एवं दरभंगा के प्रशिक्षित चालकों को यहाँ ड्यूटी पर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि सहरसा के ही छह लोको पायलट- के.के.यादव, कमलेश्वरी दास, उमेश प्रसाद मंडल, कल्याण पीहू, अभिषेक कुमार, राहुल कुमार सिंह एवं एक लोको इंस्पेक्टर जे.के.सिंह को हाल ही में मुगलसराय रेल इलेक्ट्रिक ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से प्रशिक्षित करा लिया गया है। मुख्य क्रू नियंत्रक अशोक कुमार के अनुसार कुल सात- जिनमें छह लोको पायलट एवं एक लोको इंस्पेक्टर विद्युत इंजन लगी ट्रेनों को चलाने का प्रशिक्षण लेकर सहरसा लौट चुके हैं।

बता दें कि आए दिन समस्तीपुर-दरभंगा के चालकों को यहाँ ड्यूटी पर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब सहरसा के ही प्रशिक्षित लोको पायलट विद्युत इंजन लगी ट्रेन लेकर मधेपुरा होते हुए पूर्णिया-कटिहार… और आगे….. एवं पटना-दरभंगा और आगे जाएंगे और आएंगे। जानिए कि चंद रोज कबल भी तो मुख्य लोको इंस्पेक्टर एस.सी.झा एवं लोको पायलट मनीष कुमार को मुगलसराय ट्रेनिंग हेतु भेजा गया है।

मुख्य क्रू नियंत्रक ने मधेपुरा अबतक को बताया कि समस्तीपुर एवं दरभंगा से लाए गए 6 लोको पायलटों को अपने पैतृक स्थान पर जल्द ही वापस भेज दिये जायेंगे- जिनमें से रंजन कुमार सिन्हा, मोहम्मद कमरुद्दीन एवं बैजनाथ राय को समस्तीपुर और बी.के.पंडित, राजेंद्र कामती एवं दया शंकर राय को दरभंगा वापस भेजा जाएगा।

यह भी जानिए कि कुछ अन्य ट्रेनों के अतिरिक्त सहरसा-राजेंद्रनगर टर्मिनल के बीच चल रही इंटरसिटी एक्सप्रेस में लगी डीजल इंजन की जगह विद्युत इंजन चलेगी तो प्रतिदिन लगभग 50 हज़ार लीटर डीजल की बचत होगी।

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