भारतीय जनता पार्टी ने 2019 की चुनावी तैयारियों का बिगुल फूंक दिया है। इसके लिए भाजपा संगठन चुनावों को टालते हुए आम चुनाव में मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में ही लड़ने का फैसला ले सकती है। बता दें कि अमित शाह का तीन साल का कार्यकाल अगले साल जनवरी में ही समाप्त हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक संगठन चुनाव को लोकसभा चुनाव के बाद कराए जाने के प्रस्ताव पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में मुहर लग सकती है। माना जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव मार्च या अप्रैल में हो सकते हैं। ऐसे में भाजपा नई टीम के साथ चुनाव में नहीं उतरना चाहती। इसलिए उसने मौजूदा टीम को ही बनाए रखने का फैसला लिया है।
बहरहाल, शनिवार सुबह भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शुरुआत हुई। इस बैठक में पार्टी ने ‘अजेय भाजपा’ का नारा दिया है। बैठक का उद्घाटन करते हुए अमित शाह ने कहा कि हम 2019 में स्पष्ट बहुमत के साथ जीत हासिल करेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद हो रही इस पहली महत्वपूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत भाजपा के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी तथा सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष शामिल हैं।
बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने 2019 की जीत का फॉर्म्युला पेश किया। अपने भाषण में उन्होंने साफ कर दिया कि इस बार पार्टी नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व और मजबूत संगठन के अलावा गांव, गरीब, किसान, दलित, ओबीसी, आदिवासी और विपक्षी विभाजन की बदौलत जीत हासिल करेगी। शाह ने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे इस बार दिवाली से पहले ही गांवों में जाकर मोदी सरकार की उपलब्धियों को पेश करते हुए दिवाली मनाकर संदेश दें कि किस तरह से मोदी सरकार की उपलब्धियों से देश जगमगा रहा है। उन्होंने विपक्षी महागठबंधन को ज्यादा तरजीह न देते हुए कहा कि यह झूठ पर आधारित महागठबंधन है और इसका कोई असर नहीं होने वाला है।