5 सितंबर “शिक्षक दिवस” के मौके पर मधेपुरा के कलाम कहे जाने वाले समाजसेवी-साहित्यकार व शिक्षक डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने स्थानीय शिक्षण संस्थान में शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि आदि काल से ही गुरु का स्थान देवताओं से भी ऊपर दिया जाता रहा है।
बता दें कि गुरु की महिमा को विभिन्न उदाहरणों से संदर्भित करते हुए डॉ.मधेपुरी ने छात्रों से कहा कि भारत की गौरवशाली भूमि पर डॉ.राधाकृष्णन, डॉ.जाकिर हुसैन एवं डॉ.कलाम जैसे त्रयी ऐसे महान शिक्षक हैं जो शिक्षक रहते हुए ‘भारतरत्न’ सरीखे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित हुए थे। उन्होंने कहा कि ऐसे विचारक एवं सर्वोत्कृष्ट शिक्षकों का नाम लेते ही प्रत्येक भारतीय का सिर श्रद्धा से झुक जाता है।
यह भी जानिए कि भारतरत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के संग बिताए गए अविस्मरणीय क्षणों की चर्चा करते हुए डॉ.मधेपुरी ने डॉ.कलाम के साथ लिखी पुस्तक ‘छोटा लक्ष्य एक अपराध है’ को झारखंड सरकार द्वारा छठे वर्ग के पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि आज संपूर्ण देश में शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा है- भारत के राष्ट्रपति से लेकर राज्य के मुख्यमंत्रियों द्वारा और भिन्न-भिन्न संस्थाओं द्वारा भी।
इस अवसर पर डॉ.मधेपुरी ने कहा कि शिक्षक समाज का सृजनहार होता है, रक्षक एवं रखवाला होता है। शिक्षक समाज को दिशा देता है…… वह रहवर होता है। परंतु, खेद प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षकों के स्तर में कुछ गिरावट आ गई है……. गुरु और शिष्यों के बीच दूरी बढ़ गई है, जिसे पाटने की जरूरत है, तभी देश मजबूत होगा……. समाज आगे बढ़ेगा……। अंत में संस्थान के प्रधान रंजन कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया और मंच संचालन पवनजी आनंद द्वारा किया गया।