भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस में सायंस ब्लॉक के पीछे महावीर वाटिका शिलान्यास कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता विद्वान कुलपति डॉ.ए.के.राय, मुख्य अतिथि कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार, अध्यक्षता कर रहे डॉ.अरुण कुमार मिश्रा, विशिष्ट अतिथि डॉ.शिवनारायण यादव एवं बीएन मुस्टा के महासचिव, सीनेटर व कार्यक्रम संचालक डॉ.नरेश कुमार की उपस्थिति में मधेपुरा के कलाम कहे जाने वाले समाजसेवी साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने आज का सबसे बड़ा वैश्विक सवाल खड़ा करते हुए यही कहा कि इस धरती को हम लोग जीने योग्य कैसे बनाएं….?

बता दे कि कुलपति डॉ.राय के संरक्षण एवं महासचिव डॉ.नरेश कुमार के संचालन में आयोजित “माय बर्थ- माय अर्थ” की भरपूर सराहना करते हुए डॉ.मधेपुरी ने कहा कि धरती को रहने योग्य बनाने के लिए प्रकृति-पर्यावरण को बचाना जरूरी है। माननीय कुलपति सहित अन्य दान दाताओं के पद चिन्हों का अनुसरण करते हुए डॉ.मधेपुरी ने कहा कि मानव जीवन को लंबी आयु देने के लिए एक वृक्ष अपने जीवन में करोड़ों रुपए का ऑक्सीजन देता है। वैसे जीवनदाायी वृक्षों की सुरक्षा हेतु बनाए गए “वृक्ष सुरक्षा कोष” में डॉ.मधेपुरी नेे तक्षण ₹5000/- प्रदान किये।
सुलझे सोच के नेक इंसान मुख्य अतिथि कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार ने कहा कि आज वैश्विक विचार सामने आ रहा है कि सृष्टि को बचाने के लिए प्रकृति-पर्यावरण को बचाना नितांत आवश्यक है। कर्नल नीरज ने स्नातकोत्तर विभागों के शिक्षकों सहित सभी विभागाध्यक्षों को संबोधित करते हुए कहा कि हम में से प्रत्येक कम-से-कम 10 वृक्ष लगाएं और उसकी देखभाल भी करें। कुलसचिव नीरज द्वारा अपनी 7 बीघे जमीन पर पौधे लगाए जाने की बातों को सुनते ही हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
यह भी जानिए कि अपने उद्घाटन भाषण में माननीय कुलपति डॉ.राय ने कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस तरह मधेपुरा राजनीति के क्षेत्र में प्रदेश और देश को राह दिखाने का काम किया है उसी तरह हमारे यहाँ की “माय बर्थ-माय अर्थ” की राह पर महामहिम कुलाधिपति सह राज्यपाल सतपाल मलिक द्वारा बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में “हर परिसर हरा परिसर” का अभियान चलाया जा रहा है जिसमें बीएनएमयू की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
व्यवहारिक पक्षों को उजागर करते हुए कुलपति डॉ.राय ने कहा कि वृक्ष जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत हमारा साथ देता है। वृक्ष के बिना हमारा जीना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने यहाँ एक “जैव विविधता केंद्र” स्थापित किए जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि हमेशा सरकार की ओर देखना सही नहीं, बल्कि समाज की भागीदारी भी जरूरी है।
इस अवसर पर आर्ट्स-सायंस व कॉमर्स के विभागाध्यक्षों सहित शिक्षकों की उपस्थिति रही जिनमें प्रमुख रूप से मौजूद रहे- डॉ.निखिल प्रसाद झा, डॉ.एच.एल.एस. जौहरी, डॉ.सीताराम शर्मा, डॉ.अरुण कुमार, डॉ.रामचंद्र मंडल, डॉ.बैजनाथ शाह, डॉ.विमल सागर, डॉ.प्रज्ञा प्रसाद, डॉ.मोहित घोष, डॉ.सुधांशु शेखर, डॉ.रीता सिंह, डॉ.विमला कुमारी आदि। अंत में वनस्पति विज्ञान के एचओडी डॉ.बलराम सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।