सांप्रदायिक सद्भाव एवं शांति को बढ़ावा देने के प्रति सक्रियता और योगदान को देखते हुए इस साल के राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार के लिए पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी को चुना गया है। इस पुरस्कार से जुड़ी सलाहकार समिति के सदस्य सचिव मोतालाल वोरा ने कहा कि गोपालकृष्ण गांधी को यह पुरस्कार सांप्रदायिक सद्भाव, शांति और भाईचारे के संवर्द्धन में उनके उल्लेखनीय योगदान के कारण दिया जा रहा है। सलाहकार समिति ने यह निर्णय 28 जुलाई को आयोजित बैठक में लिया।
गौरतलब है कि यह पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के मौके पर दिया जाता है। इसे शांति, सांप्रदायिक सद्भाव के संवर्धन और हिंसा के खिलाफ लड़ाई में उनके दीर्घकालिक योगदान की याद में शुरू किया गया था। इसके तहत एक प्रशस्ति पत्र और 10 लाख रुपये नकद दिए जाते हैं।
बहरहाल, गोपालकृष्ण गांधी यह पुरस्कार पाने वाले 24वें व्यक्ति हैं। उनसे पहले यह पुरस्कार मदर टेरेसा, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, मोहम्मद युनुस, लता मंगेशकर, सुनील दत्त, दिलीप कुमार, कपिला वात्सायन, तीस्ता सीतलवाड़, स्वामी अग्निवेश, केआर नारायणन, उस्ताद अमजद अली खान, मुजफ्फर अली, शुभा मुदगल आदि को मिल चुका है।
चलते-चलते बता दें कि गोपालकृष्ण गांधी को यह पुरस्कार नई दिल्ली स्थित जवाहर भवन में 20 अगस्त को एक विशेष कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा।