इमरान का हुआ पाकिस्तान

क्रिकेट की दुनिया में कभी पाकिस्तान को शिखर पर पहुँचाने वाले इमरान खान के ऊपर अब कई संकटों और चुनौतियों से घिरे अपने पूरे मुल्क को ऊपर उठाने की जिम्मेवारी होगी। जी हाँ, पाकिस्तान में अभी-अभी हुए चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने वाले इमरान अपने मुल्क के अगले कप्तान होंगे। कहा जाता है कि 2002 में तत्कालीन सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ ने उन्हें प्रधानमंत्री पद का ऑफर दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था और जनता की अदालत से इस पद तक पहुँचने की ठानी थी। आखिरकार 17 साल बाद उनकी इच्छा पूरी होती दिख रही है।

पाकिस्तान के चुनाव परिणामों की आधिकारिक और अंतिम घोषणा अभी नहीं हुई, लेकिन क्रिकेटर से नेता बने इमरान का पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय है। त्रिशंकु नेशनल असेंबली में उनकी पार्टी पीटीआई सबसे ज्यादा 119 सीटों पर आगे है, जबकि नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन 62 और बिलावल भुट्टो की पीपीपी 44 सीटों तक सिमटती दिख रही है। गौरतलब है कि 272 सीटों वाले सदन में बहुमत का आंकड़ा 137 है। ऐसे में इमरान को सरकार बनाने में विशेष कठिनाई होगी, ऐसा नहीं लगता। ऐसा इसलिए भी नहीं लगता क्योंकि अब ये ‘ओपेन सिक्रेट’ है कि पाकिस्तान की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने वाली वहां की सेना इमरान का समर्थन कर रही है।

बहरहाल, पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को अपना रोल मॉडल मानने वाले इमरान खान ने क्रिकेट की दुनिया छोड़कर 1996 में राजनीतिक दल पीटीआई की स्थापना की थी। संयोग देखिए कि जिन्ना ने 1910 में राजनीति शुरू की थी लेकिन उन्हें सफलता 1937 में मिली थी। ठीक वैसे ही 66 साल के इमरान खान भी 22 साल के राजनीतिक संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। आज सुनकर किसी को आश्चर्य लग सकता है कि 1997 के चुनावों में इमरान ने केवल 9 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे और सभी सीटों पर उनकी पार्टी की हार हुई थी। यहां तक कि 7 सीटों पर उनके उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी। लेकिन समय का खेल देखिए, आज वही इमरान पाकिस्तान की सियासत के सबसे बड़े खिलाड़ी बनकर उभरे हैं।

‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप

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