जलवायु परिवर्तन, गरीबी या शांति स्थापित करने जैसी लंबी अवधि की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए देशविशेष के नेता का वैश्विक स्तर का कद जरूरी है और साथ ही यह भी जरूरी है कि वह नेता लंबे समय तक अपने देश का नेतृत्व करता रहे। इस पैमाने पर ब्लूमबर्ग मीडिया ने दुनिया के 16 नेताओं के राजनीतिक करियर की उम्र को लेकर एक रिपोर्ट पेश की है। विश्व के जिन नेताओं को इस रिपोर्ट में स्थान दिया गया है उनमें भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी एक हैं। शेष नेताओं में शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन, सऊदी अरब के भावी किंग मोहम्मद बिन सलमान आदि शामिल हैं।
अमेरिका के ब्लूमबर्ग मीडिया समूह की इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2019 ही नहीं बल्कि 2024 का भी चुनाव जीत सकते हैं और वह 2029 तक भारत के प्रधानमंत्री बने रह सकते हैं। अब जबकि आम चुनाव में लगभग 10 महीने ही बचे हैं, ऐसे में ब्लूमबर्ग का अपनी रिपोर्ट में यह कहना कि 2019 के आम चुनावों में नरेंद्र मोदी साफ तौर पर जीतते नजर आ रहे हैं यानि 130 करोड़ की आबादी वाले देश पर 2024 तक मोदी ही राज करेंगे, सचमुच बड़ी बात है।
उक्त रिपोर्ट के मुताबिक 67 साल के नरेन्द्र मोदी वर्तमान में सबसे लोकप्रिय भारतीय नेता हैं। विपक्षी कांग्रेस पार्टी में करिश्माई नेता की कमी को भी प्रधानमंत्री मोदी की जीत की एक बड़ी वजह बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक भले ही भाजपा सरकार की नीतियां भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह हों लेकिन आम जनता के बीच इन नीतियों को लेकर सकारात्मक भाव है।
बहरहाल, विश्व के अन्य नेताओं की बात करें तो ब्लूमबर्ग के मुताबिक शी जिनपिंग (चीन), किम जोंग-उन (उत्तर कोरिया) और मोहम्मद बिन सलमान अपने-अपने देशों में अगले कई दशकों तक राज कर सकते हैं। वहीं पुतिन 2024 तक तो अपने पद पर रहेंगे ही, इसके बाद भी अपने पद पर बने रहने के लिए एक बार फिर वे संविधान में बदलाव का सहारा ले सकते हैं। वहीं 71 वर्षीय ट्रंप के लिए ब्लूमबर्ग का कहना है उन्हें किसी भी अमेरिकी नेता की तुलना में सबसे कम स्वीकार्यता मिली है और बहुत से लोग यह कयास लगा रहे हैं कि वे अपना मौजूदा कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाएंगे। हालांकि, फिलहाल कुछ ऐसा होता नजर नहीं आ रहा। हां, अगर ट्रंप 2020 में दोबारा चुने जाते हैं तो भी संवैधानिक व्यवस्था के तहत वह 2024 का राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ सकते।