Samajsevi Sahityakar Dr.Bhupendra Narayan Madhepuri, Raj Yogini Brahma Kumari Ranju Didi, Civil Surgeon Dr.Gadadhar Pandey & others inaugurating 53rd Punya Tithi Samaroh of Brahma Kumari Mateshwari Jagdamba Saraswati at Brahma Kumari Institute Madhepura.

‘पहले तोलो, फिर बोलो’ मंत्र ने ब्रम्हाकुमारी जगदम्बा को सर्वश्रेष्ठ बनाया !

प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी विश्वविद्यालय की मधेपुरा शाखा में मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती की 53वीं पुण्यतिथि समारोह श्रद्धापूर्वक मनाया गया जिसमें जिले के विभिन्न प्रखंडों की ब्रम्हाकुमारियों की उपस्थिति देखी गईं | कार्यक्रम की अध्यक्षता जहाँ संचालिका राजयोगिनी ब्रम्हाकुमारी रंजू दीदी ने की वहीं उद्घाटनकर्ता रहे समाजसेवी साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी एवं मुख्य अतिथि सिविल सर्जन डॉ.गदाधर पाण्डेय |

बता दें कि उद्घाटनकर्ता डॉ.मधेपुरी सहित उपस्थित गणमान्यों द्वारा सर्वप्रथम जगदंबा सरस्वती की तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित की गई और तत्क्षण दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया | मुख्यवक्ता के रूप में उद्घाटनकर्ता डॉ.मधेपुरी ने उद्गार प्रकट करते हुए यही कहा-

प्रेम, पवित्रता व निर्भयता की मूरत तथा सादगी, शालीनता व स्वच्छता की प्रतिमूरत मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती को श्रेष्ठता की ऊंचाइयों तक ले जानेवाला बस यही एक मंत्र रहा है- “पहले तोलो, फिर बोलो” | इसी मंत्र को समाज में प्रतिष्ठापित करने हेतु आज विश्व के 143 देशों में स्थापित प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी विश्वविद्यालय की शाखाओं में मातेश्वरी जगदंबा की 53वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है |

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में सिविल सर्जन डॉ.पाण्डेय एवं विशिष्ट जन के रुप में पूर्व उप प्रमुख विनयवर्धन उर्फ खोखा यादव ने उद्गार व्यक्त करते हुए माँ जगदंबा सरस्वती को सभी श्रद्धालु ब्रह्मा वत्सों की ओर से कोटि-कोटि नमन अर्पित किया तथा उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प भी लिया |

अंत में ब्रम्हाकुमारी विश्वविद्यालय मधेपुरा शाखा की संचालिका राजयोगिनी रंजू दीदी ने भावुक होकर विस्तार से अपने अध्यक्षीय भाषण में उद्गार प्रकट किया | अंदर-बाहर से पवित्र परंतु बिजी रहनेवाली मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती की पुण्यतिथि पर ब्रह्मा बाबा को स्मरण करते हुए रंजू दीदी ने यही कहा-

मम्मा सरस्वती को सर्वाधिक सम्मान देने वाले बाबा ने हमें यही सिखाया है कि हमारे सकारात्मक सोच वाले वाइब्रेशन से ही सारे विश्व में एक-न-एक दिन परिवर्तन आयेगा | अम्मा के लिए रंजू दीदी ने यह भी कहा कि फरिश्ते जैसी चाल वाली तथा सबों को सदा उत्साह-उमंग के पंख प्रदान करने वाली मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती में रूहानी आकर्षण भरी पड़ी थी | सादगी और पवित्रता का आकर्षण…….! अंत में पवित्र प्रसाद वितरण के साथ समापन की घोषणा की गई |

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