First Electric Engine Train (Janseva Express) at Saharsa Station.

कोसी में पहली बार चली इलेक्ट्रिक ट्रेन !

13 साल बाद कोसीवासियों का सपना तब पूरा हुआ जब 30 मई (बुधवार) के दिन पहली बार सहरसा-मानसी रेलखंड पर लोगों ने इलेक्ट्रिक ट्रेन को बड़ी रेल लाइन पर दौड़ती हुई देखा | जगह-जगह तो इलेक्ट्रिक इंजन लगी ट्रेन को देखने के लिए बच्चे ही नहीं नर-नारियों की भी भीड़ जुट गई | कोसी अंचल में खुशियों की बाढ़ आ गई | लोग यह बोलते हुए सुने गये कि खुशी का कारण है तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद द्वारा मधेपुरा को दिया गया विद्युत रेल इंजन फैक्ट्री और मधेपुरा के तत्कालीन डायनेमिक डीएम मो.सोहैल द्वारा निर्धारित समय से 6 माह पूर्व फैक्ट्री को विद्युत रेल इंजन निर्माण हेतु तैयार करने में जुनून के साथ कार्यों का निष्पादन करना |

सहरसा से जनसेवा एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या – 15209) अमृतसर को जाने के लिए तैयार | इलेक्ट्रिक इंजन के साथ प्लेटफार्म नं.-2 पर लगी है जनसेवा | चालक अरुण कुमार सिंह व सहायक लोकोपायलट धीरेंद्र कुमार को पहले मिठाई खिलाकर और फिर फूल माला पहनाकर मुख्य नियंत्रक अशोक कुमार एवं मुख्य निरीक्षक एचसी मिश्रा द्वारा इलेक्ट्रिक ट्रेन परिचालन की पहली बार शुरुआत कराई गयी |

यह भी बता दें कि आदर्श नगर दिल्ली से सहरसा के लिए चली इलेक्ट्रिक इंजन वाली पुरबिया एक्सप्रेस (नं.- 15280) को छपरा-सहरसा तक लोको पायलट राजीव कुमार चौधरी एवं सहायक लोको पायलट मो.अबु सोहैल द्वारा लाया गया |

यह भी जान लें कि अब गरीब रथ, पुरबिया एक्सप्रेस और जनसेवा एक्सप्रेस के डीजल इंजन की जगह इलेक्ट्रिक इंजन से परिचालन होगा | प्राप्त जानकारी के अनुसार सहरसा लाबी के चालक राजीव कुमार चौधरी एवं चालक कुशाग्र कुमार द्वारा इलेक्ट्रिक इंजन परिचालन हेतु मुगलसराय से क्रमशः 78 एवं 48 दिनों का प्रशिक्षण लिया जा चुका है |

समस्तीपुर मंडल के डीएमई (पावर) श्री चंद्रशेखर प्रसाद ने कहा कि जल्द ही राज्यरानी, हाटेबाजारे, कोसी एवं जन साधारण एक्सप्रेस आदि से भी डीजल इंजन हटाकर इलेक्ट्रिक इंजन लगायी जायेगी | जरा सोचिए, अकेले जनसेवा को सहरसा से बरौनी तक परिचालन पर महीने में 30,000 लीटर डीजल जलता था | जब सभी ट्रेनें बिजली से परिचालित होंगी तो करोड़ों रुपये की बचत होगी और पर्यावरण प्रदूषण भी रुकेगा |

सम्बंधित खबरें