सात दशकों से देश के राष्ट्रपति एवं राज्यपालों की गाड़ियों/कारों पर नंबर प्लेट की जगह चार सिंह वाले राजकीय प्रतीक (अशोक स्तंभ) लगे रहे जो अब नहीं रहेंगे | ऋषितुल्य जीवन जीने वाले राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम ने तो ‘महामहिम’ को भी हटाने की इच्छा व्यक्त करते हुए………….. हम भारत के लोग यानी….We the people of India समूह में समा जाना चाहते थे |माला का एक फूल बनकर “कौन नीचे, कौन ऊपर” के भेद को मिटा देना चाहते थे |यहां यह बता देना अनुचित नहीं होगा कि समाजसेवी साहित्यकार व डॉ.कलाम के करीबी रहे डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी के प्रयास को यदि देश मान लिया होता और डॉ.कलाम को दोबारा राष्ट्रपति बना दिया होता तो ये सब कुछ होता ही, बल्कि 2020 तक भारत विकसित राष्ट्रों की पंक्ति में भी खड़ा हो जाता…..|
बता दें कि अब देश के शीर्ष संवैधानिक प्राधिकारियों यथा- महामहिम राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति, राज्यपाल-उपराज्यपाल समेत विदेश मंत्रालय के वीवीआईपी सचिवों के वाहनों (कारों) पर रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करते हुए नंबर प्लेट शीघ्र ही लगने लगेंगे |
यह भी जानिये कि एक गैर-सरकारी संगठन ‘न्याय भूमि’ के द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपने हलफनामे में कार्यवाहक चीफ जस्टिस गीता मित्तल एवं न्यायमूर्ति सी.हरिशंकर की खंडपीठ से कहा कि संवैधानिक प्राधिकारियों एवं माननीयोँ की कारों का पंजीकरण कराने के लिए संबंधित प्राधिकरणों को पत्र लिखा जा चुका है |
बता दें कि सभी संबंधित प्राधिकरणों को पत्र देकर यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि उनके यहां इस्तेमाल में लाए जा रहे सभी वाहनों का पंजीकरण कराया जाए तथा नियमानुसार पंजीकरण नंबर प्रदर्शित किया जाए |
ज्ञातव्य हो कि केंद्र सरकार द्वारा कोर्ट में प्रतिनियुक्त वकील ने कोर्ट को विधिवत यह जानकारी दे दी है कि महामहिम उपराष्ट्रपति और उनकी धर्मपत्नी के इस्तेमाल वाली कारों सहित सचिवालय के सभी वाहनों पर रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करा लिया गया है | इस आशय का जवाब भी उपराष्ट्रपति कार्यालय से प्रेषित किया जा चुका है|