बुधवार, 2 मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को दिल्ली के द्वारका सेक्टर-19 में नए बिहार राज्य अतिथि गृह ‘बिहार सदन‘ का शिलान्यास किया। शिलान्यास का कार्यक्रम वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भारतीय परम्परा के अनुसार नारियल फोडकर व शिलापट्ट का अनावरण कर हुआ। दो एकड़ में बनने जा रहा यह भव्य भवन दिल्ली में ‘बिहार भवन‘ एवं ‘बिहार निवास‘ के बाद बिहार राज्य का तीसरा गेस्ट हाउस होगा। शिलान्यास के उपरान्त मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सदन आधुनिक एवं प्रगतिशील बिहार की छवि प्रस्तुत करेगा। इस भवन के निर्माण से दिल्ली में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं बिहार के निवासियों को काफी सुविधा मिलेगी।

गौरतलब है कि बिहार सदन बेसमेंट एवं भूतल के अलावा 10 (दस) फ्लोर का होगा। इसमें कुल 118 कमरे होंगे। इसके अलावा 200 लोगों के लिए कान्फ्रेंस रूम, 180 लोगों की क्षमता वाला कैफेटेरिया तथा 200 लोगों के लिए एक्जीविशन क्षेत्र रहेगा। ऊर्जा संरक्षण के उद्देश्य से सौर पैनल का लगाए जाएंगे और यह भव्य भवन पूरी तरह से भूकंपरोधी होगा। बता दें कि बिहार सदन का कुर्सी क्षेत्रफल 14771.30 वर्गमीटर होगा तथा राज्य योजना मद से इसके निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 में 10 करोड़ तथा वित्तीय वर्ष 2018-19 में 68.17 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बहरहाल, इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे सारे अधिकारी एवं अभियंता इस भवन के निर्माण कार्य में तत्परता के साथ लगे हुए है। भवन निर्माण विभाग का कहना है कि एक साल छह महीने के अंदर यह भवन बनकर तैयार हो जाएगा। इस लक्ष्य के अनुसार अगर 02 अक्टूबर 2019 को इस भवन का उदघाटन हो जाए तो यह महात्मा गाँधी की 150वीं जन्मशती के उपलक्ष्य में अत्यंत हर्ष का विषय होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में हाल के वर्षो में आधुनिकतम तकनीकों पर आधारित भवनों का निर्माण किया गया है जिसकी चर्चा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। बिहार म्यूजियम का निर्माण जवाहरलाल नेहरू पथ, जिसे आमतौर पर बेली रोड़ कहा जाता है, में किया गया है। यह पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इसके अतिरिक्त सम्राट अशोक कन्वेंशन सेन्टर, ज्ञान भवन तथा बापू सभागार का निर्माण भी उत्कृष्ट कोटि का हुआ है। साथ ही उन्होंने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर ‘साइंस सिटी’ का निर्माण किया जा रहा है। इन सभी भवनों का निर्माण नवीनतम तकनीक पर आधारित है।
चलते-चलते बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सबसे पहले साठ के दशक में ‘बिहार भवन’ का निर्माण कराया गया था। उसके बाद राज्य के निवासियों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का दिल्ली में प्रवास बढ़ने पर अस्सी के दशक में ‘बिहार निवास’ का निर्माण कराया गया और अब ‘बिहार सदन’ अस्तित्व में आने जा रहा है। इसे बढ़ते बिहार की बड़ी बानगी कहें तो गलत ना होगा।