Manu Bhakar , Shahzar Rizvi, Anjum Mudgil won Gold in Shooting Wordcup.

भारत ने निशानेबाजी में अमेरिका और चीन को धूल चटाया

पहली बार भारत ने मेक्सिको में आयोजित आईएसएसएफ निशानेबाजी वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक प्रदर्शन कर चीन व अमेरिका के दबदबे को धता बता दिया | बता दें कि जहाँ वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में 4 स्वर्ण सहित कुल 9 पदकों के साथ भारत प्रथम स्थान पर रहा वहीं 3 स्वर्ण समेत 6 पदकों के संग अमेरिका को दूसरे स्थान पर और 2 स्वर्ण समेत 5 पदकों के साथ चीन को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा |

यह भी बता दें कि हरियाणा के झज्जर की 16 वर्षीय मनु भाकर के दूसरे गोल्ड मेडल के साथ ही भारत शीर्ष पर पहुंच गया | मनु ने लगातार स्वर्ण जीतकर निशाने-बाजी जगत को हैरान कर दिया | और तो और भारत के लिए नंबर एक जोड़ी के रूप में प्रतिनिधित्व कर रहे- मनु भाकर और ओमप्रकाश की जोड़ी ने क्वालीफिकेशन में अद्भुत अंक जुटाये |

जानिये कि ग्यारहवीं कक्षा की निशानेबाज छात्रा मनु भाकर को विश्ववास नहीं हो रहा है कि वह विश्वकप जैसी प्रतियोगिता में 2 दिन के अंदर दो स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही | ऐसा शानदार प्रदर्शन कि समस्त निशानेबाजी जगत को हैरान होना पड़ा |

संक्षेप में यह भी जान लीजिए कि जिन भारतीय निशानेबाजों ने इतिहास रचा वे हैं- 4 स्वर्ण पदक विजेता : शहजार रिजवी, मनुभाकर, अखिल श्योरण एवं मनु-ओमप्रकाश की जोड़ी | रजत पदक पदक विजेता में मात्र एक नाम दर्ज कराया है- अंजुम मुद्दगल ने | कांस्य पदक (4) के लिए जिन्होंने संघर्ष किया वे हैं- मेहुली घोष, जीतू राय, रवि कुमार और मेहुली-दीपक की जोड़ी |

मेडल जीतकर भारत को शीर्ष पर ले जाने के बाद भारतीय निशानेबाजों में अग्रणी मनु भाकर ने कहा कि अब हमारी जिम्मेदारी बढ़ गयी है | आगे इसे बरकरार रखते हुए भारतीय खेल प्रेमियों की उम्मीदों पर हमें अब खड़ा उतरना होगा |

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