कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधान पार्षद डॉ.संजीव कुमार सिंह के द्वारा सदन में “नियोजित शिक्षकों के वेतन के विरुद्ध बैंक से लोन दिये जाने” के बाबत एक अल्प सूचित प्रश्न पूछा गया | सदन में MLC डॉ.संजीव ने माननीय अध्यक्ष महोदय से कहा कि जब राज्य सरकार के किसी भी कर्मी को वेतन के विरुद्ध लोन देने का प्रावधान है तो नियोजित शिक्षकों को इसके लिए इतनी परेशानी क्यों उठानी पड़ती है |
बता दें कि कोसी के शिक्षक प्रतिनिधि डॉ.संजीव कुमार सिंह के इस सवाल के जवाब में प्रभारी वित्त मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने यही कहा- “राज्य सरकार इस मामले को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में उठायेगी |”
यह भी जानिये कि MLC डॉ.संजीव कुमार सिंह ने सदन में माननीय अध्यक्ष महोदय के समक्ष सवाल उठाते हुए कहा कि विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा वर्ग दशम एवं बारहवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं की परीक्षाओं से संबंधित सारी प्रक्रियाएं ‘ऑन लाइन’ कर दी गई है जो स्वागत योग्य है | परंतु, अधिकांश विद्यालयों/महाविद्यालयों को कंप्यूटर संबंधी सुविधाएं नहीं रहने के कारण वसुधा केंद्र या साइबर कैफे पर निर्भर करना पड़ता है | जिसके फलस्वरूप पंजीयन से लेकर परीक्षा प्रपत्रों में अनेक त्रुटियां रह जाती हैं और इन गलतियों के कारण प्रभारी शिक्षकों या प्राचार्यों को बेवजह दंड भुगतना पड़ता है | महोदय, क्या सरकार उक्त समस्या के समाधान हेतु ऐसे संस्थानों में कंप्यूटर कक्ष के साथ-साथ कंप्यूटर आदि की व्यवस्था बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में जमा राशि के माध्यम से कराना चाहेगी ?
बता दें कि विधान पार्षद डॉ.संजीव ने सदन में आगे माननीय अध्यक्ष महोदय से पुनः अनुरोध किया कि विगत माध्यमिक परीक्षाओं में परीक्षार्थियों के कभी जूते खोले गये तो कभी चश्मे उतारे गये- ऐसी स्थिति में वे सहज होकर परीक्षा कैसे दे पायेंगे ? अच्छा होगा कि भविष्य में नजदीक के केंद्रों पर परीक्षा देने की व्यवस्था हो और जिन विद्यालयों में चहारदीवारी नहीं है वहां बाउंड्रीवाल बनाया जाय | परीक्षा कक्ष में प्रवेश से पूर्व यानि गेट से बाहर ही सहजतापूर्वक सघन जांच करा ली जाय |
और यह भी जानिए कि ताजिंदगी MLC रहने वाले शारदा बाबू के समय से अद्यतन उनके पुत्र एमएलसी डॉ.संजीव के कार्यकाल में भी वित्त रहित शिक्षकों एवं समान काम के लिए समान वेतन भुगतानादि की चर्चाएं करते रहने वाले बी.एन.मंडल कॉमर्स कॉलेज के फाउंडर एवं भू.ना.मंडल विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी द्वारा शिक्षकों के कई महीनों से वेतन/पेंशन नहीं मिलने के सवाल को उठाते हुए विधान पार्षद डॉ.संजीव कुमार सिंह ने सदन में माननीय अध्यक्ष जी से यही कहा-
“महोदय ! विभागीय लापरवाही और संवेदनशीलता की कमी के कारण ही 6 महीने से शिक्षकों को वेतन/पेंशन नहीं मिला है | क्या सरकार वेतन/पेंशन भोगियों को इस विलंब के कारण हुई परेशानियों के बाबत सूद सहित वेतन/पेंशन का भुगतान सुनिश्चित करेगी- राजस्थान एवं हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालयों के न्यायादेशों के अनुसार…….!!”
यूँ कहने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है जबकि शिक्षा विभाग द्वारा 1625 करोड़ की राशि सरेंडर किये जाने का समाचार चंद रोज कबल दैनिक जागरण में छपा है |
नोट- एमएलसी डॉ.संजीव को शिक्षकों के हितार्थ सदन में दहाड़ते हुए देखना व सुनना चाहते हैं तो नीचे क्लिक करें |