1956 ईस्वी. से राज्यों एवं केन्द्र सरकारों द्वारा मनोनीत एवं निर्वाचित केवल चिकित्सीय सदस्यों द्वारा गठित पारदर्शी संस्था MCI (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) को खत्म कर NMC (नेशनल मेडिकल कमीशन) गठन करने हेतु भारत सरकार ‘बिल’ पारित करने जा रही है I देशभर के डॉक्टरों ने गोलबंद होकर इस बिल के विरोध में सड़क से सदन तक चरणबद्ध आंदोलन करने की घोषणा की है I
बता दें कि IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के प्रमंडलीय सचिव डॉ. सच्चिदानंद यादव, जिला सचिव डॉ. दिलीप कुमार सिंह, डॉ.बी.एन.भारती, डॉ.पी.के. मधुकर, डॉ.आलोक निरंजन, डॉ. बरुण कुमार, डॉ. एन.एन. सिंह आदि ने कहा कि इस विधेयक के पास हो जाने से गैरचिकित्सक सदस्यों, जिन्हें आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का कोई ज्ञान नहीं है, का साम्राज्य स्थापित हो जाएगा I सोचिए तो सही गैरचिकित्सक द्वारा चिकित्सकों के लिए कानून-नियम बने- यह कितनी बड़ी विडंबना है I
यह भी बता दें कि विधेयक पास होने पर प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को मनमाना फीस तय करने का अधिकार मिलेगा I और तब इस मनमाने फीस के बोझ तले गरीब व मेधावी छात्रों के डॉक्टर बनने के सपने पर ग्रहण लग जाएगा I इतना ही नहीं, “ब्रिज कोर्स” के नाम पर मनमाना पैसा उगाही कर अन्य धारा के ग्रेजुएट्स को मात्र 6 माह ट्रेनिंग देकर मॉडर्न मेडिकल सिस्टम में कार्य करने की अनुमति देना बिल्कुल उसी तरह है जैसे एक कार ड्राइवर को बायाँ दायाँ ट्रेनिंग देकर हवाई जहाज उड़ाने का लाइसेंस देना !
यह भी जानिए कि महिला चिकित्सक डॉ.पूनम कुमारी, डॉ.नायडू कुमारी, डॉ. रश्मि भारती आदि ने मधेपुरा अबतक को बताया कि इस विधेयक के लागू होने से वर्षों MBBS, MS की पढ़ाई करते हुए तमाम परीक्षाएं उत्तीर्ण होने के बाद भी “एग्जिट परीक्षा” देना चिकित्सकों के लिए प्रताड़ना है- जो पूरी तरह पैसा उगाही करने वाले गैरचिकित्सक माफियाओं का साम्राज्य स्थापित करना है I चिकित्सा क्षेत्र में भ्रष्टाचार को चरम तक ले जाना है I
आज 11 मार्च को वरिष्ठ चिकित्सकों डॉ.ए,के.मंडल, डॉ.मिथिलेश कुमार, डॉ.अखिलेश कुमार, डॉ.एल.के.लक्ष्मण और साइकिल पर सवार समस्त चिकित्सकों द्वारा विधेयक के विरोध में रासबिहारी उच्च विद्यालय के मैदान से शहर में निकाली जाने वाली साइकिल रैली को सिविल सर्जन डॉ.गदाधर पांडे ने हरी झंडी दिखाई | डॉ.पांडे ने कहा कि आगामी 25 मार्च को विरोध प्रदर्शन करने हेतु दिल्ली में महापंचायत का आयोजन किया गया है | सबों ने इस विधेयक को जनविरोधी, छात्र विरोधी, गरीब विरोधी और भ्रष्टाचार बढ़ाने वाला बताते हुए यही कहा कि एनएमसी बिल आने के बाद कॉर्पोरेट घरानों को फायदा होगा क्योंकि देश के मेडिकल कॉलेजों के 40% सीट पर कारपोरेट घराने के लोगों का अधिकार होगा | इस बिल के खत्म होने तक आईएमए अपना राष्ट्रव्यापी आंदोलन जारी रखेगा ……|