पाकिस्तान में सेनेटर बन ‘कृष्णा’ ने रचा इतिहास

एक हिन्दू-दलित महिला ने 98 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले पाकिस्तान में इतिहास रच दिया। जी हाँ, पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थार की रहने वाली कृष्णा कुमारी कोलही नाम की यह 39 वर्षीया महिला सेनेटर बनने वाली पाकिस्तान की पहली हिन्दू-दलित महिला है। बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व वाले पीपीपी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) की उम्मीदवार कृष्णा ने चुनाव में तालिबान से जुड़े एक मौलाना को हराया है। कृष्णा का सेनेट के लिए चुना जाना पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों के अधिकारों और महिलाओं के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है।

गौरतलब है कि 1979 में एक गरीब परिवार में जन्मीं कृष्णा के पिता किसान थे। वो 9वीं क्लास की छात्रा थीं जब 16 साल की उम्र में ही उनकी शादी हो गई थी। हालांकि, शादी के बाद भी कृष्णा ने पढ़ाई जारी रखी और साल 2013 में उन्होंने सिंध यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल की।

स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से आने वाली कृष्णा कुमारी कोलही अपने भाई के साथ ऐक्टिविस्ट के तौर पर पीपीपी में शामिल हुई थीं। उन्होंने थार में हाशिये पर जी रहे लोगों के अधिकारों की आवाज उठाई है। बहरहाल, चलने से पहले बता दें कि पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन सेनेट में सबसे अधिक सीटें हासिल कर संसद के उच्च सदन में सबसे बडी़ पार्टी बनकर उभरी है।

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