बजट 2018: देश के विकास को गति देने वाला बजट

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को नरेन्द्र मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया। आमतौर पर चुनावी वर्ष में सरकारें लोकलुभावन (पर वास्तविक तौर पर अव्यावहारिक) बजट पेश करती रही हैं, लेकिन इसके उलट वर्तमान एनडीए सरकार ने देश की मजबूती को प्राथमिकता देते हुए बजट देने का नैतिक साहस दिखाया है। खास कर कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्टर आदि क्षेत्रों में कई बड़े कदम उठाए गए हैं, जो आने वाले दिनों में देश के विकास को निश्चित तौर पर गति देंगे। चलिए जानने की कोशिश करते हैं कि क्या हैं बजट 2018 की बड़ी बातें।

सबसे पहले बात करते हैं कृषि की। इस बजट में किसानों को उनकी फसल के लागत मूल्य का डेढ़ गुना देने, सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य, 2000 करोड़ की लागत से बनने वाले कृषि बाजार और नए ग्रामीण बाजार ‘ई-नैम’ का ऐलान किया गया है। इसके अलावे ‘ऑपरेशन ग्रीन’ के लिए 500 करोड़ रुपये, 42 मेगा फूड पार्क और जानवरों को पालने वालों को भी किसान क्रेडिट कार्ड देने की घोषणा की गई है। यही नहीं, जरूरतमंद किसानों के कर्ज के लिए 11000 करोड़ रुपये के फंड का प्रावधान भी किया गया है। निश्चित तौर पर ये योजनाएं देश में कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगी।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में मोदी सरकार ने देश के 10 करोड़ परिवारों के लिए हर साल 5 लाख रुपए तक के मेडिक्लेम का ऐलान किया है। दुनिया की इस सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना से 50 करोड़ लोगों को लाभ पहुँचेगा। इसके अलावा देश भर में 5 लाख स्वास्थ्य सेंटर और हर तीन संसदीय क्षेत्र पर एक मेडिकल कॉलेज खोलने की बात कही गई है। साथ ही अगले वित्त वर्ष में दो करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य तय किया गया है, जो देश की आम जनता के स्वास्थ्य के लिए कितना जरूरी है, कहने की जरूरत नहीं।

शिक्षा के क्षेत्र में भी वित्तमंत्री ने कई बड़े ऐलान किए। सबसे अहम यह कि उन्होंने प्री नर्सरी से लेकर 12वीं क्लास तक को समग्र रूप से देखने की बात कही, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी तौर पर विकास हो सके। आदिवासियों के लिए नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य स्कूलों की स्थापना की जाएगी। सरकार प्रधानमंत्री रिसर्च फेलो स्कीम शुरू करेगी जिसमें 1000 बीटेक छात्र चुने जाएंगे और उन्हें आईआईटी से पीएचडी करने का अवसर दिया जाएगा। इसके अलावा प्लानिंग और आर्किटेक्चर स्कूल शुरू किए जाएंगे, साथ ही 18 नई आईआईटी और एनआईआईटी की स्थापना की जाएगी। मेडिकल कॉलेजों की बात हम ऊपर कह ही आए हैं।

आधारभूत संरचना की बात करें तो इस क्षेत्र में यह बजट अत्यन्त कारगर होगा। इसमें 16 नए इंटरनेशनल लेवल के एयरपोर्ट तैयार करने की बात कही गई है, जिसके बाद देश में एयरपोर्टों की संख्या 124 हो जाएगी। इसके अलावा 600 रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण की योजना बनाई गई है और गांवों में 1 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है ताकि 2022 तक हर गरीब के पास अपना घर हो।

अब बात युवाओं की। जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषणों में कहा करते हैं, इस देश की 65 प्रतिशत आबादी युवाओं की है। इन युवाओं को सरकार ने स्वाभाविक तौर पर अपनी प्राथमिकताओं में जगह दी है। नए वित्तीय वर्ष में 70 लाख नौकरियों का लक्ष्य रखा गया है, जबकि 50 लाख युवाओं को नौकरी के लिए ट्रेनिंग भी सरकार ही देगी। साथ ही व्यापार शुरू करने के लिए भी केन्द्र सरकार ने मुद्रा योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपये ऋण देने का लक्ष्य तय किया है। यही नहीं, हर जिले में स्किल सेंटर खोले जाएंगे और 2.5 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड को बढ़ावा दिया जाएगा। ये सभी योजनाएं देश के युवाओं के लिए सीधे रोजगार का माध्यम बनेंगी।

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