विश्व के लगभग डेढ़ सौ देशों में ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की श्रेष्ठ ब्रम्हाकुमारियों ने सभी श्रद्धालुओं को सामाजिक बुराइयों एवं कुरीतियों को मिटाने का संकल्प दिलाकर प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की 49वीं पुण्यतिथि को विश्व शांति दिवस के रूप में समारोह पूर्वक मनाया |
बता दें कि मधेपुरा शाखा की शक्तिस्वरूपा ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी रंजू दीदी ने इस अवसर पर कहा कि ब्रह्मा बाबा ने समस्त मानव जाति के लिए आंतरिक विकास व विश्वशांति के लिए कार्य किया | इतना ही नहीं, जब समाज में महिलाओं के अधिकारों की चर्चा तक नहीं होती, तब ब्रह्मा बाबा ने नारी को ससम्मान रहने की शक्ति दी | रंजू दीदी ने काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार और आलस्य को दु:खों एवं समस्याओं का मुख्य कारण बताया |
समारोह की अध्यक्षता कर रही ब्रह्मा कुमारी रंजू दीदी एवं विशिष्ट अतिथि विजय कुमार सर्राफ, डॉ.गणेश प्रसाद, प्राणमोहन, विनय वर्धन एवं बी.के.किशोर आदि की उपस्थिति में मुख्य अतिथि समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने उद्घाटन कार्यक्रम सम्मिलित रुप से दीप प्रज्वलित कर किया |
बता दें कि सर्वप्रथम रंजू दीदी ने सभी श्रद्धालुओं को टीका लगाकर सम्मानित किया | तत्पश्चात सभी मौनावस्था में समाधिस्थ होकर प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के स्मरण के साथ-साथ ध्यान-साधना भी किया | फिर विश्व शांति के निमित्त सबों ने ब्रह्मा बाबा के तैल चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पार्पण भी किया |
अंत में भीषण ठंड के मद्देनजर मात्र मुख्य अतिथि डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने अति संक्षेप में उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए बस इतना ही कहा कि हीरे-मोती के श्रेष्ठ व्यापार करने वाले जो प्रजापिता ब्रह्मा बाबा सबकुछ को लोकहित के लिए न्योछावर कर विश्वशांति हेतु आजीवन क्रियाशील रहे उन्हें मैं अपनी चार पंक्तियां श्रद्धांजलि स्वरुप अर्पित करता हूँ-
कि मुट्ठी बांधकर आये जरा तुम ख्याल कर लो,
पसारे कर विदा होगे इसे भी याद कर लो |
अरे धन लूटने की लालसा तो व्यर्थ है सब,
न्योछावर लोकहित कर स्वयं को आबाद कर लो ||