नई उम्मीदों एवं नये संकल्पों के इस नये साल में जीवन की चुनौतियों से सामना करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को शिक्षा के क्षेत्र में विशेष सलाह देने वाली भारत की सर्वोच्च संस्था- “केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड” यानी सी.ए.बी.ई. द्वारा सरकार को यह सुझाव दिया जा रहा है कि भारत के मिसाइल मैन महामहिम भारतरत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम की आत्मकथा ‘अग्नि की उड़ान’ के कुछ अंश को अंग्रेजी पाठ्य पुस्तकों में शामिल किये जा सकते हैं |
इस पर विचार व्यक्त करते हुए विज्ञानवेत्ता भारतरत्न डॉ.कलाम के निकटतम रह चुके डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने कहा कि अंग्रेजी में ही नहीं बल्कि हिन्दी सहित अन्य सभी क्षेत्रीय भाषाओं के माध्यम से डॉ.कलाम के प्रखर व्यक्तित्व एवं सराहनीय कृतित्व वाली आत्मकथा को प्रारंभिक वर्गों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए | डॉ.मधेपुरी ने इसी क्रम में जानकारी दी कि भारतरत्न डॉ.कलाम पर लिखी गई उनकी पुस्तक- “छोटा लक्ष्य एक अपराध है” का सर्वाधिक अंश झारखंड सरकार ने वर्ग 6 के ‘हिंदी भाषा मंजरी’ के पाठ्यक्रम में शामिल कर बच्चों को सत्र 2017-18 से पढ़ाना भी शुरू कर दिया है |
यह भी जानिये कि केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य मो.लतीफ मकदूम एवं भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष बी.बी.कुमार ने जहाँ बैठक में चिकित्सा विज्ञान की एक ऐसी संस्था के गठन की वकालत की है जो प्राथमिक उपचार, अस्पताल प्रबंधन एवं वार्ड प्रबंधन में अल्प अवधि का सर्टिफिकेट कोर्स कराएगा वहीं डॉ.मधेपुरी राज्य के मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री से पत्र लिख-लिखकर माध्यमिक विद्यालयों के अंतिम 2 वर्षों में प्रत्येक शनिवार को फर्स्ट एड एवं माँस व नस में सूई देने की ट्रेनिंग (विशेषरुप से लड़कियों को) देने की सलाह को लागू कराने के प्रयास में लगे हैं | यदि इसे नीतीश सरकार स्वीकार कर लेती है तो साईकिल योजना एवं पोशाक योजना की तरह इस योजना को भी अन्य राज्यों में भी लागू करने का मार्ग प्रशस्त होने लगेगा और बिहार मॉडल भारत में अपना परचम लहराने लगेगा |