सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि अगर सरकार उन्हें राजधानी नई दिल्ली में धरना करने के लिए कोई जगह नहीं देती है, तो वह जेल से ही खुशी-खुशी धरना देंगे।
अन्ना ने कहा, ‘मैंने 23 मार्च को दिल्ली में धरना देने के लिए केंद्र सरकार से कोई जगह मुहैया कराने का आग्रह किया है। अभी तक मुझे सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। अगर सरकार मुझे इजाजत नहीं देती है तो मैं जेल से ही खुशी-खुशी धरना दूंगा।’ आगे उन्होंने कहा, ‘पहले कांग्रेस की सरकार ने 2011 में भी मुझे दिल्ली में प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी थी और जेल में डाल दिया था। देखते हैं कि यह सरकार अब क्या करती है।’
पद्म विभूषण से सम्मानित अन्ना हजारे ने पहले और अब में अंतर रेखांकित करते हुए कहा, ‘पहले यूपीए सरकार मेरे पत्रों का संज्ञान लेती थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मेरे पत्रों का जवाब भी देते थे। लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी जी को मैं किसानों और स्थानीय मुद्दों को लेकर 30 पत्र लिख चुका हूं, लेकिन अभी तक एक का भी जवाब मुझे नहीं मिला है।’ क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस विषय में तत्काल गंभीरता से विचार नहीं करना चाहिए ?