मधेपुरा के ग्रीन फील्ड विद्युत रेल इंजन कारखाने में विगत माह से ही एल्सटॉम कंपनी के 70 पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा पहला इंजन तैयार होना शुरू हुआ और अब फरवरी 2019 तक 4 और विद्युत रेल इंजन बनकर (ट्रायल में) फैक्ट्री से मधेपुरा स्टेशन तक बीछ रही रेल लाईन पर दौड़ने लगेगी |
बता दें कि एल्सटॉम कंपनी द्वारा इंजनों के निर्माण हेतु गत सप्ताह में पदाधिकारियों व कर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है तभी तो स्थानीय मधेपुरा होटल से प्रतिदिन लगभग 300 लोगों का भोजन फैक्ट्री में ससमय भेजा जाने लगा है |
जानिए कि रेलवे ट्रैक पर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली (12 हजार H.P. की) 800 विद्युत रेल इंजन 11 साल के अंदर तैयार कर एल्सटॉम कंपनी द्वारा भारतीय रेल को हस्तगत करानी होगी और इसके ऐवज में भारतीय रेल उसे लगभग 19,000 करोड रुपये देगी |
भारतीय रेल ने एल्सटॉम के सामने लक्ष्य रखा है-
- मार्च 2018 से फरवरी 2019 तक 4 इंजन
- मार्च 2019 से मार्च 2020 तक 35 इंजन
- अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक 65 इंजन और
- अप्रैल 2021 से प्रतिवर्ष…… 100 इंजन तैयार होगा |
मधेपुरा रेल इंजन कारखाने के डिप्टी चीफ इंजीनियर के.के.भार्गव ने मधेपुरा अबतक को बताया कि पटना से आये डिप्टी चीफ इंजीनियर द्वारा भी एसेंबल हो रहे इलेक्ट्रिक इंजन की कार्य प्रगति को देखा गया और नई रेल लाइन के शुभारंभ के मौके पर PWI सुनील कुमार एवं अन्य कर्मचारियों की मौजूदगी में यही कहा गया कि इस कारखाने को फूल फ्लेज रूप से काम करने के लिए तत्काल लगभग 400 कर्मियों की जरूरत होगी और कारखाने में कुछ लोगों को रोजगार भी मिलेगा |