Paigamber Muhammad Sahab birthday anniversary procession at Madhepura.

पैगम्बर मुहम्मद साहब को मधेपुरा ने खूब याद किया

इस्लाम के प्रवर्तक पैगम्बर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलेहि वसल्लम की 1448वीं जयंती जिले के सभी संप्रदायों के अमन-चैन चाहनेवालों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाई गई I पैगम्बर मुहम्मद के जन्मदिन पर शनिवार को दिनभर मधेपुरा, उदाकिशुनगंज, बिहारीगंज, आलमनगर, चौसा, पुरैनी, ग्वालपाड़ा……. भैरोपट्टी-भदौल से लेकर झंझरी-मधेली-चंदा एवं हथिऔंधा तक ना जाने कितनी जगहों पर वतन परस्त लोगों द्वारा कहीं गाजे-बाजे के साथ शोभा यात्राएं निकाली गईं तो कहीं भव्य जुलूस व वृक्षारोपण भी किया गया….. कहीं मदीना शरीफ की बनाई गई झांकियां निकाली गईं तो कहीं बच्चे-बुजुर्गों व महिलाओं के बीच मिठाइयां भी बांटी गईं…… कहीं मुहम्मद साहब की शान में कसीदे पढ़े गए तो कहीं पैगंबर के प्रतीकात्मक पैरों के निशान पर प्रार्थनाएं भी की गईं…… कहीं कलाम पेश कर खुशियां मनाई गईं तो कहीं अमन-चैन की दुआएं मांगी गईं I

इतना ही नहीं, दिन भर कहीं-कहीं नाते नबी पढ़ रहे बच्चों के बीच पैगम्बर मुहम्मद साहब के पवित्र संदेशों की जानकारियां दी गईं तो कहीं मस्जिदों में कुरान ख्वानी का आयोजन भी किया गया…… कहीं देर शाम तक महफिल-ए-मिलाद की तैयारी देखने को मिली तो कहीं हर्षोल्लास के माहौल में दिनभर नातिया कलाम की गूंज सुनाई देती रही I

यह भी जानिए कि कहीं लंबी शोभा यात्रा में शामिल दर्जनों वाहनों पर सवार लोग यही नारे लगाते दिखे- “अल्लाह-ईश्वर एक है” तो कहीं कोई बैनर लेकर आगे बढ़ रहे होते- “मानव-मानव एक है, सबका मालिक एक है….I”  हजरत मोहम्मद साहब को जानने वाले कुछ लोगों ने तो बच्चों से यही कहा- “हजरत पैगंबर का संपूर्ण जीवन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तरह इंसानियत की एक खुली किताब है I”

बता दें कि मक्का की धरती पर 570 ईस्वी में जन्मे पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब का सारा जीवन अल्लाह की इबादत और लोगों की खिदमत में ही गुजरता रहा….I तभी तो आज विभिन्न संप्रदायों के लोग उनके जन्मोत्सव पर गले मिला-मिलाकर खुशियां बांट रहे हैं तथा इस्लामिक मजहब को मानने वाले तमाम लोग पैगंबर के यौमे पैदाइश को अकीदत के साथ मनाते हैं I

इस अवसर पर जहां उदाकिशुनगंज के रामपुर खोड़ा, रहटा फनहन…… आदि जगहों के लोगों ने आपस में गले से गला मिलाकर सच्चाई का पैगाम दिया तथा हिन्दू-मुसलमानों ने पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन पर अजब-गजब सामाजिक सद्भाव का सर्वोत्कृष्ट नमूना पेश किया वहीं चौसा में आयोजित जलसा को संबोधित करते हुए मौलाना बदरुज्जमा सिद्दीकी, रजा अली रिजवी आदि ने कहा- “मुहम्मद साहब केवल मुसलमानों के ही पथ-प्रदर्शक नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए दयालु व रहनुमा थे I वे दया-करुणा-क्षमा सहित प्रेम-भाईचारा एवं लिंग भेद रहित समाज के निर्माता थे और थे मानवता के सम्मानकर्ता भी I उनके अनुसार इस्लाम में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं……. इस्लाम में तो रोजा-नमाज-हज-जकात के साथ-साथ देशभक्ति को भी कर्तव्य की श्रेणी में रखा गया है लिहाजा देशभक्ति मुसलमानों की ईमान का हिस्सा है…..I” 

इसीलिए तो प्रोफेट मुहम्मद का जन्मोत्सव आज संपूर्ण संसार में मनाया जा रहा है I

स्थानीय ‘सृजन दर्पण’ द्वारा पैगम्बर साहब के जन्मोत्सव पर विचार गोष्ठी का आयोजन डॉ.ओम की अध्यक्षता में किया गया जिसमें मुख्य अतिथि डॉ.मुश्ताक मोहम्मद द्वारा पौध रोपण किया गया I उन्होंने कहा कि पैगंबर साहब का जीवन-चरित्र आने वाली पीढ़ी के लिए प्रकाश स्तंभ का काम करेगा I संस्था के सचिव रंगकर्मी विकास कुमार ने लगाए गए वृक्ष की रक्षा, सुरक्षा व संवर्धन को मुहम्मद साहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि कहा I

अंत में पैगम्बर मुहम्मद साहब के बाबत विचार व्यक्त करने के लिए जब समाजसेवी-साहित्यकार डॉ. भूपेन्द्र मधेपुरी से कहा गया तो डॉ. मधेपुरी ने मुहम्मद पैगंबर की अमरवाणी को यूँ उद्धृत किया- “सबसे अच्छा आदमी वह है जिससे मानवता की भलाई होती है I अल्लाह उसे सबसे अधिक चाहता है जो अल्लाह के प्राणियों की ज्यादा से ज्यादा भलाई करता है……. जो उसके प्राणियों पर दया करता है…….. उस पर अल्लाह भी दया करता है…….I”

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