Robot Sofia

रोबोट को इंसानों से अधिक अधिकार!

रोबोट… आधुनिक विज्ञान की उपज… इंसान की बनाई हुई एक चीज जो चाहे कितनी ही उन्नत तकनीक से क्यों न बनी हो, हमारी तरह सोच और महसूस नहीं सकती। हां, उसमें ‘समझदारी’ हम स्वयं से ज्यादा जरूर भर सकते हैं। पर क्या वो ‘समझदारी’ भी कृत्रिम नहीं होगी? क्या इस रोबोट को हम इंसानों वाली जगह दे सकते हैं? शायद ऐसा सोचना भी कुदरत की तौहीन होगी। लेकिन ‘विकास’ की सही परिभाषा से भटक चुकी हमारी सभ्यता अगर उसे इंसानों से भी ऊपर की जगह और अधिकार दे दे तो क्या कहेंगे आप?

जी हां, चौंकिए नहीं। ऊपर केवल संभावना नहीं व्यक्त की गई है। बल्कि यह अभी-अभी घटित एक कड़वी सच्चाई है। इसी हफ्ते सऊदी अरब में एक महिला रोबोट को नागरिकता दी गई है। यही नहीं, इस रोबोट को उतने अधिकार दिए गए हैं, जितने खाड़ी देशों में किसी सामान्य महिला को भी नहीं मिले हैं। सोफिया नाम की यह रोबोट अपने चेहरे के हावभाव बदल सकती है और लोगों से बातचीत भी कर सकती है।

विशेष अधिकार से नवाजी गई इस महिला रोबोट को इस हफ्ते रियाद में हुई इकोनॉमिक फोरम में पहली बार पेश किया गया। इस दौरान पैनल के साथ बातचीत करते हुए सोफिया ने कहा, इस अद्भुत मौके पर मैं बेहद सम्मान और गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। यह एक ऐतिहासिक मौका है जब किसी रोबोट को नागरिक के तौर पर पहचान मिली है। कार्यक्रम में सोफिया ने पोडियम से वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया और कार्यक्रम के मॉडरेटर और पत्रकार एंड्रयू रॉस सोरकिन के सवालों के जवाब भी दिए।

बहरहाल, सोशल मीडिया पर सोफिया की ख़बर आते ही डिबेट का दौर शुरू हो गया है। लोग इस बात की आलोचना कर रहे हैं कि इस रोबोट को सऊदी अरब की महिलाओं और वहां काम करने वाले विदेशी नागरिकों से ज्यादा अधिकार दे दिए गए हैं।

बहरहाल, सऊदी की मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर एंड इन्फोर्मेशन ने रोबोट के समर्थन में ट्वीट कर बताया कि हैनसन रोबोटिक्स द्वारा बनाई यह रचना फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनीशिएटिव समिट में प्रस्तुत होगी।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

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