न केवल मधेपुरा जिला मुख्यालय के लक्ष्मीपुर मुहल्ला के सामुदायिक चित्रगुप्त भवन में बल्कि बिहारीगंज, बभनगामा, गमैल……. सिंहेश्वर सहित अन्य जगहों पर भी विभिन्न लिपियों के आविष्कारक भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना सर्वाधिक श्रद्धाभाव से उन बच्चों एवं बड़ों द्वारा कलम और दावात रखकर मन्नतें माँगते हुए की गई जिनकी आजीविका का माध्यम मूलरूप से उनकी कलम ही होती है |
बता दें कि अंग्रेजी एवं हिन्दी साहित्य के कलमजीवी विद्वानद्वय वयोवृद्ध राय बसंत कुमार सिन्हा एवं हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ ने आनेवाली पीढ़ी को यह जानकारी दी-
“दीपावली के पाँच दिवसीय त्योहार का आखिरी दिन ‘यम द्वितीया’ के नाम से प्रचलित है | इस दिन भाई-बहन के प्रेम का पर्व ‘भैया दूज’ मनाने के साथ-साथ कलमजीवी कायस्थ समाज के लोग ब्रह्माजी के पुत्र भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा के समक्ष कलम-दावात रखकर उनकी पूजा करते हैं, मन्नतें मांगते हैं…..|”
मौके पर उपस्थित मधेपुरा के जांबाज एसपी विकास कुमार, डॉ.के.एन.दास, डॉ.अरविंद श्रीवास्तव सहित वार्ड पार्षद अशोक सिन्हा…… आदि ने विचार व्यक्त करते हुए इस बात की पुष्टि की-
“धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत काल में भीष्म पितामह ने भी चित्रगुप्त भगवान की पूजा की थी, जिससे प्रसन्न होकर चित्रगुप्त ने भीष्म पितामह को ‘इच्छामृत्यु’ का वरदान दिया था…….|”

यह भी जानिए कि चित्रगुप्त पूजनोत्सव के मौके पर मधेपुरा चित्रांश समिति के बैनर तले सुकवि सूरज की सरस्वती वंदना के साथ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में पधारे झारखंड से सुशील साहिल, सुपौल से अरविंद ठाकुर, सहरसा से स्वाति शाकंभरी, भागलपुर से फ़ैज़ रहमान फ़ैज़, रामनाथ शोधार्थी, समीर परिमल, अंजनी कुमार सुमन, रामावतार राही, संतोष सिन्हा आदि…… एवं बंदन ब्रदर्स द्वारा स्थापित शशि सरोजनी सांस्कृतिक रंगमंच के प्रभावी कलाकार द्वय काजल एवं अनुष्का ने देर रात तक दर्शकों की तालियां बटोरी |
अंत में कवि-शायर एवं शशि सरोजिनी के कलाकार द्वय को पूर्व मुख्य पार्षद डॉ.विशाल कुमार बबलू, उपाध्यक्ष अशोक यदुवंशी, पूर्व पार्षद ध्यानी यादव, गोपाल श्रीवास्तव, आशा श्रीवास्तव, लाला भूपेन्द्र, जनार्दन लाल दास, के.के.सिन्हा, प्रदीप श्रीवास्तव, निर्भय सिन्हा, नरेश सिन्हा……. आदि की उपस्थिति में संस्था की ओर से सम्मानित कर सहभोज सम्पन्नोपरांत सादर विदा किया गया |