भारत में अगस्त को क्रान्ति का महीना कहा जाता है और सितंबर को शिक्षा में क्रान्ति का | तभी तो 5 सितंबर को बिहार के 8 शिक्षकों को राष्ट्रपति भवन में महामहिम द्वारा एवं 14 शिक्षकों को पटना में मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया…….. और 6 सितंबर को शिक्षा मंत्री की टीम के समक्ष कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी डॉ.संजीव कुमार सिंह ने सहयोगी द्वय के साथ वित्तरहित शिक्षकों के साथ-साथ नियोजित/नियमित, अल्पसंख्यक, मदरसा, संस्कृत व अन्य शिक्षकों के अनेक विसंगतियों को दूर करते हुए सातवें वेतनमान को लागू कराने की प्रक्रिया शुरू कराने पर बल दिया………|
……और 21 सितंबर को एमएलसी द्वय डॉ.संजीव कुमार सिंह एवं डॉ.डी.के. चौधरी ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री श्री सुशील कुमार मोदी से मिलकर वित्तरहित शिक्षकों से लेकर अन्य सभी कोटि के शिक्षकों के दशहरा, दीपावली, छठ एवं मुहर्रम जैसे महत्वपूर्ण पर्व को दृष्टिपथ में रखते हुए उन्हें एक आवेदन हस्तगत कराया जिसमें स्पष्ट रुप से यही अंकित किया गया है-
………स्वागत करता हूँ कि अपने राज्यकर्मियों को आपने दशहरा पर्व के मद्देनजर माह सितंबर के तीसरे सप्ताह के अंत तक ही वेतन भुगतान का निर्णय लिया है | बड़ी कृपा होती यदि राज्य के सभी कोटि के विद्यालय के नियोजित/नियमित शिक्षकों व कर्मियों तथा महाविद्यालय/विद्यालय/विश्वविद्यालय शिक्षकों व कर्मियों को भी उक्त लाभ दिये जाने हेतु आपके स्तर से वैसा ही सकारात्मक निर्णय लिया जाता……. साथ ही राज्य के सभी कोटि के अनुदानित संस्थानों यथा माध्यमिक/उच्च माध्यमिक (इंटर) | वित्तरहित शिक्षकों की डिग्री ईकाइयों के लम्बित अनुदान की विमुक्ति का प्रस्ताव भी कैबिनेट में लाकर अबिलम्ब पारित किया जाता तो इन शिक्षाकर्मियों के छोटे-छोटे बच्चों व बीबी-बेटियों के चेहरे पर भी पर्वोत्सव की मुस्कान तथा घर-आंगन में खुशहाली नजर आने लगती………!
वर्तमान समय में समाज से लेकर सरकार तक में संवेदनशीलता की सर्वाधिक कमी नजर आने लगी है…… इसे दूर कर “सबका साथ सबका विकास” को सशक्त बनाने की महती योजना बनाई जाय……!!