जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के एनडीए में शामिल होने की घोषणा के बाद अब सबकी निगाहें केन्द्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार पर है। इस विस्तार में जेडीयू के दो और एआईएडीएमके के तीन मंत्री शामिल हो सकते हैं। बता दें कि मोदी कैबिनेट में इस वक्त 71 मंत्री हैं, जाहिर है कि अब इसमें अधिकतम दस मंत्रियों को ही जगह दी जा सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि मौजूदा मंत्रियों की टीम में से कुछ को मिशन 2019 के मद्देनज़र संगठन में लाया जा सकता है और उनकी जगह कुछ नए चेहरों को मोदी की टीम में जगह दी जा सकती है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट और संगठन के बदलाव को लेकर पार्टी के भीतर सरगर्मियां शुरू हो चुकी हैं। हालांकि कैबिनेट विस्तार के लिए किसी तारीख का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि 25 अगस्त को नए शामिल होने वाले मंत्रियों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम हो सकता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जेडीयू के बाद अब एआईएडीएमके के एनडीए में शामिल होने के औपचारिक ऐलान की प्रतीक्षा की जा रही है। और अब जबकि पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले एआईएडीएमके के दोनों गुटों का विलय हो चुका है, माना जा रहा है कि जल्द ही इस बारे में घोषणा हो जाएगी। गौरतलब है कि दोनों गुटों की इस एका में भाजपा ने बड़ी भूमिका निभाई है।
माना जा रहा है कि भाजपा के बिहार कोटे के कुछ मंत्रियों को भी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी के साथ लाया जा सकता है। अभी हाल में राजीव प्रताप रूढ़ी की अमित शाह से मुलाकात इस संबंध में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वहीं जेडीयू कोटे से आरसीपी सिंह और संतोष कुशवाहा के मंत्री बनने की चर्चा राजनीति के गलियारों में है। वैसे वरिष्ठता और अनुभव को देखते हुए बिहार जेडीयू के अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह की दावेदारी भी कम नहीं है। बता दें कि संख्याबल के मुताबिक जेडीयू को एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री की जगह मिल सकती है।
चलते-चलते बता दें कि 2019 के चुनाव के पूर्व मोदी कैबिनेट का यह अंतिम बदलाव होगा। लिहाजा मोदी किसी समीकरण को साधने में कोई कमी नहीं रखना चाहेंगे।