जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी के खुला अधिवेशन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आक्रामक तेवर में दिखे। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पार्टी से निर्णायक दूरी बना चुके शरद यादव को पार्टी तोड़ने की चुनौती देते हुए बड़े स्पष्ट शब्दों में कहा कि जनादेश बिहार में न्याय के साथ विकास के लिए था, न कि पिछलग्गू बनकर दूसरों के कुकर्म ढोने के लिए। उन्हें और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि हमने जनादेश का अपमान किया, वे पहले जनता के मिजाज को जान लें। उन्होंने कहा, ‘बिहार में महागठबंधन को जनादेश भ्रष्टाचार या परिवारवाद का समर्थन करने के लिए नहीं मिला था। महागठबंधन में जो हालात पैदा हो गए थे, उसमें 20 महीने तक सरकार चली, यह बड़ी बात है।’
जनादेश का अपमान किए जाने के आरोप का जवाब देते हुए कहा नीतीश कुमार ने कहा कि महागठबंधन तोड़ने का निर्णय दल का निर्णय है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, ‘कुछ लोग जो बात करते हैं जनादेश की, हम पूछना चाहते हैं कि किस लिए जनादेश मिला था। वह जनादेश बिहार के विकास के लिए मिला था या परिवार के विकास के लिए?’ आगे उन्होंने कहा, ‘आरजेडी के सत्ता में आते ही लोगों के बीच भय पैदा हो गया था। महागठबंधन टूटने के बाद वह भय समाप्त हो गया है। सत्ता से बाहर आते ही आरजेडी के लोग तरह-तरह की हरकतें कर रहे हैं, लेकिन जनता सब देख रही है।’
शरद यादव पर तंज कसते हुए नीतीश ने कहा कि जिनको भाजपा के वोट से राज्यसभा में पहुंचाया, वो आज हमारे खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने चुनौती दी कि शरद जेडीयू को तोड़कर दिखाएं। उन्होंने कहा, पार्टी को तोड़ने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। यदि उनके पास बहुमत है तो वे साबित करें। जेडीयू के टूट की किसी प्रकार की खबर को निराधार बताते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी में कहीं टूट नहीं है। सभी विधायक, विधानपरिषद सदस्य, राज्य समितियां साथ हैं।
कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने बिहार में आई बाढ़ को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि इस वर्ष पानी में प्रवाह तेज है। राज्य के 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। उन्होंने सभी से बाढ़ पीड़ितों को मदद करने की अपील की और कहा कि सरकार मदद के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा, आपदा प्रभावित लोगों को राज्य के खजाने पर पहला हक है। इसी के साथ नीतीश ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए केन्द्र सरकार का आभार भी जताया और कहा कि दोनों जगह एक ही गठबंधन की सरकार है। अब तेजी से बिहार का विकास होगा।
चलते-चलते बता दें कि पटना में हुई आज की बैठक में कार्यकारिणी की स्वीकृति के बाद जेडीयू के एनडीए में शामिल होने की विधिवत घोषणा हो गई। जहां तक शरद यादव पर अंतिम निर्णय लेने की बात है, उनकी ‘वरिष्ठता’ और ‘कद’ को देखते हुए पार्टी 27 अगस्त को प्रस्तावित आरजेडी की रैली में उनके शामिल होने तक की प्रतीक्षा कर सकती है। हालांकि नीतीश की बैठक के बरक्स शरद ने भी कल पटना में ‘जन अदालत’ का आयोजन किया, लेकिन अली अनवर, अरुण श्रीवास्तव, रमई राम सरीखे चेहरों के अलावे कोई और बड़ा चेहरा वहां मौजूद नहीं था।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप