Sharad, Ramai and others

रमई, अर्जुन, विजय वर्मा समेत 21 नेता जेडीयू से निकाले गए

पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के रुख से उपजा जेडीयू का घमासान अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। पार्टी लाईन से अलग बगावती सुर अलाप रहे शरद के 21 करीबी नेताओं को जेडीयू से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इन नेताओं में पूर्व मंत्री रमई राम, सीतामढ़ी के पूर्व सांसद अर्जुन राय और मधेपुरा के पूर्व विधानपार्षद विजय वर्मा शामिल हैं। गौरतलब है कि ये सारे नेता शरद की तीन दिवसीय संवाद यात्रा में उनके साथ देखे गए थे। इससे पूर्व शरद समर्थक राष्ट्रीय महासचिव अरुण श्रीवास्तव और राज्यसभा सांसद अली अनवर पर पार्टी कार्रवाई कर चुकी है। शरद यादव को भी राज्य सभा में जेडीयू के नेता पद से हटाया जा चुका है। अब पार्टी से उनकी विधिवत विदाई की केवल औपचारिकता ही शेष है।

बहरहाल, जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने आज जिन 21 नेताओं को जेडीयू की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया, उनके नाम इस प्रकार हैं: रमई राम (पूर्व मंत्री), अर्जुन राय (पूर्व सांसद, सीतामढ़ी), राजकिशोर सिन्हा (पूर्व विधायक, वैशाली), विजय वर्मा (पूर्व स.वि.प.), धनिकलाल मुखिया (जिलाध्यक्ष, सहरसा), सियाराम यादव (पूर्व जिलाध्यक्ष, मधेपुरा), बिन्देश्वरी सिंह (पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, श्रमिक प्रकोष्ठ), इसराईल मंसूरी (राज्य परिषद सदस्य, मुजफ्फरपुर), मिथिलेश कुशवाहा (तकनीकी प्रकोष्ठ), निरंजन राय (जिला परिषद सदस्य, मुजफ्फरपुर), देवकांत राय (दरभंगा), टिन्कू कसेरा (व्यावसायिक प्रकोष्ठ), जयकुमार सिंह (प्रखंड अध्यक्ष, सोनबरसा), धीरेन्द्र यादव (प्रखंड अध्यक्ष, कहरा), उदयचंद्र साहा (व्यावसायिक प्रकोष्ठ), बिरेन्द्र आजाद (प्रखंड अध्यक्ष, बिहारीगंज), सुरेश यादव (प्रखंड अध्यक्ष, सतर कटैया), विजेन्द्र यादव (प्रखंड अध्यक्ष, सौर बाजार), रमण सिंह (किसान प्रकोष्ठ, मधेपुरा), कमल दास (मधेपुरा नगर परिषद) एवं देवेन्द्र साह (जिला परिषद उपाध्यक्ष, सीतामढ़ी)।

कहने की जरूरत नहीं कि जेडीयू के वर्तमान व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष की तनातनी अब सतह पर आ गई है। दोनों ही नेताओं ने इधर खुलकर एक-दूसरे के विरुद्ध टिप्पणी की है। नीतीश कुमार ने जहां शरद को लेकर कहा कि पार्टी अपना फैसला ले चुकी है, वे कोई भी कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। वहीं, शरद यादव ने नीतीश पर टिप्पणी की कि जेडीयू सिर्फ उनकी पार्टी नहीं है, यह मेरी भी पार्टी है। और तो और, शरद खेमा अब अपने ‘असली’ जेडीयू होने का दावा भी कर रहा है। ऐसी स्थिति में बहुत संभव है कि 19 अगस्त को पटना में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले ही शरद यादव की विदाई की औपचारिकता पूरी कर दी जाए।

 

सम्बंधित खबरें