मुंबई धमाकों के 22 साल बाद याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन को इस महीने के अंत में फांसी हो सकती है। सरकार और जेल प्रशासन ने तैयारी कर ली है और मुंबई की टाडा कोर्ट से फांसी का वारंट जारी हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक 30 जुलाई को सुबह 7 बजे फांसी दी जा सकती है। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। याकूब मुंबई बम धमाकों की साजिश में शामिल था, जिसमें 257 लोग मारे गए थे, 700 से ज्यादा घायल हुए थे और 27 करोड़ से अधिक राशि की संपत्ति नष्ट हुई थी।
धमाकों से मुंबई को दहलाने वाले याकूब को जुलाई 2007 में टाडा कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद उसने हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के पास याचिका लगाई लेकिन हर जगह उसकी याचिका ठुकरा दी गई। अब महाराष्ट्र सरकार ने भी फांसी की अनुमति दे दी है। जानकारी के अनुसार, याकूब के परिवार को भी इसकी सूचना दे दी गई है।
हालांकि अब सारे रास्ते बंद हो चुके हैं, फिर भी क्यूरेटिव याचिका का एक विकल्प याकूब के पास है। अगर समय रहते यह याचिका दायर होती है तो फांसी पर रोक लग सकती है। वैसे याकूब की स्थिति देखते हुए इसकी संभावना कम ही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उसने अपने वकील से भी मिलने से इनकार कर दिया है। हालांकि, याचिका दायर होने की स्थिति में भी उस पर 30 जुलाई से पहले फैसला हो जाएगा।
बता दें कि मुंबई बम धमाके के मामले में 123 अभियुक्त हैं जिनमें से 12 को निचली अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी। इस मामले में 20 लोगों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई थी जिनमें से दो की मौत हो चुकी है और उनके वारिस मुकदमा लड़ रहे हैं। इनके अलावा 68 लोगों को उम्र कैद से कम की सज़ा सुनाई गई थी जबककि 23 लोगों को निर्दोष माना गया था। जानकारी देते चलें कि 12 मार्च 1993 को मुंबई में एक के बाद एक बारह बम धमाके हुए थे। यह पहला मौका था, जब देश ने सीरियल बम ब्लास्ट के दंश को झेला था। इसी दिन बॉम्बे स्टॉक एक्सेंज की 28 मंज़िला इमारत की बेसमेंट में भी धमाका हुआ जिसमें लगभग 50 लोग मारे गए थे ।