बेहद बुरे दौर से गुजर रहे हैं इन दिनों आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनका परिवार। बेनामी संपत्ति और रेलवे के होटल घोटाले मामले में उनकी और उनके परिवार की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सीबीआई ने शुक्रवार को उनसे जुड़े 12 ठिकानों पर छापे मारे और उनकी पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके छोटे बेटे व बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से घंटों सवाल किए। जबकि लालू चारा घोटाला मामले को लेकर अदालत में पेश होने के लिए रांची में हैं। इधर वायरल बुखार से पीड़ित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वास्थ्य कारणों से गुरुवार से ही राजगीर में हैं।
गौरतलब है कि सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में तलाशी के लिए शुक्रवार सुबह पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी के आवास पर छापा मारा। सूत्रों के मुताबिक 27 अधिकारियों की टीम ने राबड़ी और तेजस्वी से पूछताछ की। राबड़ी से 8 घंटे तक पूछताछ हुई। तेजस्वी से भी देर शाम तक पूछताछ होती रही। बताया जाता है कि तेजस्वी से पटना में बन रहे मॉल से संबंधित सवाल पूछे गए। ऐसा आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए बेनामी कंपनी के जरिए तीन एकड़ भूमि के रूप में रिश्वत लेने के बाद एक कंपनी को रेलवे के दो होटलों के रखरखाव का काम सौंपा। सीबीआई के एडिशनल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के मुताबिक 2004 से 2014 के बीच रची गई इस कथित साजिश के लिए लालू और अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट, 1988 के तहत केस दर्ज किया गया है।
उधर छापेमारी की ख़बर के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में राज्य के आला अधिकारियों की बैठक बुलाई, जिसमें मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, गृह सचिव आमिर सुब्हानी और डीजीपी पीके ठाकुर शामिल हैं। एहतियातन पूरे बिहार के हाई अलर्ट कर दिया गया है। हंगामा करने वालों से सख्ती से निबटने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। भाजपा, आरजेडी, जेडीयू व कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों के प्रदेश कार्यालयों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इन सारे घटनाक्रम के बीच लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि वे किसी भी हाल में झुकने वाले नहीं हैं। उनका कहना है कि संबंधित मामले में उनके रेल मंत्री रहते हुए सब कुछ नियमों के तहत किया गया था। उन्होंने इन छापों को साजिश बताते हुए कहा कि हम मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन बीजेपी और मोदी सरकार को हटाकर ही दम लेंगे।
चलते-चलते बता दें कि राजनीति के गलियारों में सवाल उठने लगा है कि अब जबकि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, ऐसे में क्या मुख्यमंत्री उन्हें अपने कैबिनेट से हटाएंगे? सूत्रों के मुताबिक, सारे घटनाक्रम पर महागठबंधन के वरीय नेताओं से विमर्श कर नीतीश अगर जल्दी ही कोई बड़ा फैसला लें तो कोई आश्चर्य की बात नहीं।