हर इंसान के जीवन में सुख-दुःख का आना-जाना हमेशा बना रहता है | हमेशा उतार-चढ़ाव आता ही रहता है | कभी जीत एक के पाले में तो कभी दूसरे के पाले में होती ही रहती है | इन सबके बीच कुछ लोगों को जीत का अहसास तब हुआ होगा जब फर्जी प्रमाण-पत्रों पर शिक्षक की नौकरी मिल गयी होगी | और हार का अहसास तब हुआ जब उच्च न्यायालय द्वारा इन फर्जी शिक्षकों को स्वेच्छा से इस्तीफा देने हेतु 9 जुलाई तक का समय निर्धारित किया गया | तब एक फर्जी दूसरे फर्जी शिक्षक का मुहँ देखता रह गया | आहिस्ता-आहिस्ता इस्तीफा देने का सिलसिला आरम्भ होने लगा और संख्या हजार से दो हजार की ओर बढती चली गई |
किसी फर्जी ने अपना इस्तीफा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को सौंपा तो किसी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को हस्तगत कराया | कुछ तो अपने विद्यालय प्रधान के हाथों में ही अपना इस्तीफा सौंपकर अपने पैतृक घर की ओर कदम बढाया | कुछ फर्जी शिक्षकों को मानसिक रूप से तैयार होते-होते 9 जुलाई भी गुजर गया | जो थोड़े से फर्जी रह गये वे उसी डेट में इस्तीफा सौंपने का मन बना रहे हैं जिनकी पुष्टि फर्जी शिक्षकों द्वारा विद्यालय प्रधान के पास की जा रही है | चन्द दिनों में कुछ और इस्तीफा सौंपे जाने की संभावना जतायी जा रही है |
इस सबके बावजूद कुछ ऐसे भी फर्जी शिक्षक हैं जो यह सोच रहें हैं कि देंखे आगे हाईकोर्ट किस तरह का रुख अख्तियार करता है , उसे देखकर ही निर्णय लिया जायेगा | हालांकि जानकारों की मानें तो हाईकोर्ट के कड़े रुख के बावजूद भी हजारों के आस-पास फर्जी शिक्षक अभी भी विद्यालयों में जमे हुए हैं जिन्हें न तो सरकार का भय है , न निगरानी विभाग और ना सामाजिक प्रतिष्ठा का | यूँ निगरानी द्वारा जांच चल रही फिर भी अपेक्षित सफलता इसलिए भी नहीं मिल पा रही है कि निगरानी टीम को जिला परिषद , नगर परिषद एवं प्रखंडों से कागजात उपलब्ध हो जाते हैं लेकिन पंचायतों द्वारा धीमी गति के समाचार की तरह उपलब्ध कराने में बिलम्ब हो रहा है |
आखिर ऐसा होता क्यों है ? केवल इसलिए कि इस फर्जी बहाली में रुपए का लेन-देन बेजोड़ हुआ है | इसलिए स्वेच्छा से त्यागपत्र तो वे ही देते हैं जो विवेकशील प्राणी हैं , जो कानून के दायरे में जीवन जीना चाहते हैं | यहाँ अधिकांश लोग तो वासना और व्यसनों को अंगीकार करने में लगे हैं जबकि यह सच है कि वासना कभी निर्मूल नहीं हो सकती | अत: सभी फर्जी शिक्षक स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं सौपेंगे …. कदाचित नहीं …… फिर भी उन्हें हरदम कोशिश तो करनी ही होगी क्योंकि कोशिश का दुनिया में कोई विकल्प नहीं है |