अपनी विदेश यात्राओं के लिए खास तौर पर चर्चा रहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर अमेरिका जा रहे हैं। पर ये यात्रा उनकी पिछली यात्राओं की तरह ‘चकाचौंध’ वाली नहीं होगी। इस बार वे साल 2014 के बहुचर्चित मैडिसन स्कवॉयर कार्यक्रम की तरह भारतीय मूल के लोगों से हाई-प्रोफाइल मुलाकात नहीं करेंगे। बल्कि 25 और 26 जून को राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात के दौरान भारतीय समुदाय के एक छोटे से तबके के साथ बातचीत में हिस्सा लेंगे। बताया जा रहा है कि ऐसा ‘समय की कमी’ और ‘अनुकूल वातावरण न होने’ के कारण किया जा रहा है। वैसे प्राप्त जानकारी के मुताबिक इससे पहले ह्यूस्टन में एक सामुदायिक इवेंट की योजना बनाई गई थी जिसके लिए भारतीय समुदाय के लोग खासे उत्साहित थे। लेकिन वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए इसे टाल दिया गया।
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का ये पहला अमेरिकी दौरा है। हालांकि इससे पहले दोनों नेताओं के बीच करीब तीन बार फोन पर बातचीत हो चुकी है। विदेश मंत्रालय ने 25 जून को शुरू होने वाली प्रधानमंत्री की इस अमेरिकी यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 26 जून को राष्ट्रपति ट्रंप के साथ आधिकारिक बातचीत करेंगे। उनकी चर्चा पारस्परिक हित के मुद्दों पर गहरे द्विपक्षीय संबंधों और भारत-अमेरिका के बीच बहुआयामी रणनीतिक भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए नई दिशा प्रदान करेगी।
ट्रंप और मोदी की मुलाकात के दौरान जिन मुद्दों पर बातचीत संभावित है उनमें एच-1बी वीजा का मुद्दा भी शामिल है। इस संबंध में भारत अपनी चिन्ता जता सकता है। गौरतलब है कि इस वीजा का इस्तेमाल भारतीय आईटी कंपनियां करती हैं और ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान इस वीजा प्रोग्राम के ‘दुरुपयोग’ को बड़ा मुद्दा बनाया था। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन समझौता भी चर्चा के लिए एक बड़ा मुद्दा है।
बहरहाल, ओबामा शासन के दौरान मोदी और ओबामा की रिकॉर्ड आठ बार मुलाकात हुई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाशिंगटन का तीन बार दौरा किया था, जबकि साल 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा भारत आए थे। अब जबकि दोनों देशों के संदर्भ व हालात में खासा बदलाव आ चुका है, ये देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप मोदी के लिए कितनी गर्मजोशी और आत्मीयता दिखाते हैं। कहना गलत न होगा कि मोदी के इस अमेरिकी दौरे पर उनके समर्थकों और विरोधियों की नज़र एक साथ टिकी होगी।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप