Freedom Fighter Honour Ceremony in Patna

भाजपा ने क्यों किया चंपारण सत्याग्रह शताब्दी कार्यक्रम का बहिष्कार?

बिहार सरकार की तरफ से सोमवार को पटना में आयोजित चंपारण सत्याग्रह शताब्दी कार्यक्रम का भाजपा समेत एनडीए के तमाम घटक दलों ने बहिष्कार किया। भाजपा का आरोप है कि राज्य सरकार ने कार्यक्रम का ‘राजनीतिकरण’ किया। पार्टी इस बात से भी नाराज है कि कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को न्योता नहीं दिया गया, जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कार्यक्रम में शिरकत की। हालांकि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ जिन लोगों को मंच साझा करना था उनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह शामिल थे, लेकिन वे भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे और एक तरह से इसका ‘अघोषित बहिष्कार’ किया।

गौरतलब है कि चंपारण सत्याग्रह शताब्दी कार्यक्रम के तहत बिहार सरकार द्वारा आयोजित स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राज्यपाल रामनाथ कोविंद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अतिरिक्त मंच पर जिन लोगों को जगह दी गई थी उनमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी, शिक्षा मंत्री व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव सत्येन्द्र नारायण सिंह एवं अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एसोसिएशन के सचिव सत्यानंद याजी शामिल थे। इस सूची पर सख्त आपत्ति जताते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया कि ‘नीतीश, आप चारा घोटाले के दोषी लालू और नेशनल हेराल्ड केस में बेल पर चल रहे राहुल गांधी को बुलाकर फ्रीडम फाइटर्स का अपमान कर रहे या सम्मान?’ वहीं, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह इस कार्यक्रम के ‘राजनीतिकरण’ से आहत हैं। उनके इस बयान का आशय विशेषकर लालू को मंच पर जगह देने से था।

इस कार्यक्रम को लेकर एनडीए की अगुआ भाजपा का रुख सामने आने के बाद ही हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी ने इस कार्यक्रम से दूर रहने का फैसला किया, जैसा कि हम के नेता जीतन राम मांझी के बयान से भी स्पष्ट होता है, जिसमें उन्होंने कहा कि एनडीए में रहने के कारण उनका इस कार्यक्रम में जाना उचित नहीं होगा।

बहरहाल, जब एनडीए खेमे की ओर से इतनी उठापठक हो रही हो तो लालू कहां चुप रहने वाले थे, उन्होंने भी पलटवार करते हुए कहा कि वह बीजेपी को एक हाथ से गांधी और दूसरे हाथ से उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे को माला पहनाने का ‘ड्रामा’ नहीं करने देंगे। वहीं, नीतीश ने कहा कि उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारियों को बुलावा भेजा था, लेकिन जो नहीं पहुंच सके, उन्हें उनसे कोई शिकायत नहीं।

‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप

सम्बंधित खबरें