GBU-43

क्या है ‘मदर ऑफ ऑल बम्स’?

कुख्यात अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ अमेरिका ने अब तक के सबसे बड़े हथियार का इस्तेमाल किया है। जी हां, अमेरिका ने बीते गुरुवार को अफगानिस्तान के नंगरहार प्रोविंस में अचिन जिले की गुफाओं में (जो कि पाकिस्तान बॉर्डर के पास है) छिपे बैठे आईएसआईएस आतंकियों के खिलाफ सबसे बड़े गैर परमाणु बम जीबीयू-43 का इस्तेमाल किया, जिसमें 90 से ज्यादा आतंकी मारे गए। खास बात यह कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने इस बम को ‘मदर ऑफ ऑल बम्स’ बताया। आपने भी अखबारों व चैनलों में इस बम के बारे में पढ़ा-सुना होगा और किसी बम के लिए ‘मदर’ संज्ञा के प्रयोग से चौंके भी होंगे। लेकिन क्या आप बता सकते हैं कि आखिर जीबीयू-43 नाम का ये बम क्यों ‘मदर ऑफ ऑल बम्स है’? चलिए, जानने की कोशिश करते हैं।

जाहिर है, इस सबसे बड़े बम की ऊपर दी हुई तस्वीर आपने देख ही ली होगी, इसीलिए शुरुआत करते हैं इसके वजन से। तो जनाब दिल थाम कर सुनें। इस भीमकाय बम का वजन है 21600 पाउंड यानि 9797 किलो। यह जीपीएस आधारित गैर परमाणु बम है, जिसे अफगानिस्तान में लॉकहीड एमसी-130 एयरक्राफ्ट से गिराया गया। इस बम को अमेरिकी सेना के लिए अल्बर्ट वीमोर्ट ने विकसित किया था।

बता दें कि इस बम का पहला टेस्ट आज से 14 साल पहले 2003 में किया गया था। याद दिला दें कि यह साल इराक युद्ध का था। इसालिए टेस्ट के बाद इस बम को इसी युद्ध के दौरान बना भी लिया गया, लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं किया गया। अमेरिकी वायुसेना के अनुसार पिछली बार जब ‘मदर ऑफ ऑल बम्स’ का टेस्ट किया गया था तब 20 मील यानि करीब 32 किलोमीटर दूर से भी एक बड़े मशरूम के आकार का धुआं उठते देखा गया था।

कुल मिलाकर यह कि अपने आकार, वजन और मारक क्षमता के कारण ही जीबीयू-43 ‘मदर ऑफ ऑल बम्स है’। पर बताया जाता है कि अमेरिकी के चिर प्रतिद्वंद्वी रूस ने अमेरिका के इस बम का जवाब देने के लिए ‘फादर ऑफ ऑल बम्स’ विकसित किया है, जो तथाकथित रूप से ‘मदर ऑफ ऑल बम्स’ से चार गुणा ज्यादा शक्तिशाली है।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

सम्बंधित खबरें