Nitish Kumar

नीतीश ने की दहेज लेने वालों की शादियों में न जाने की अपील

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से दहेज लेने वालों की शादी में शिरकत नहीं करने की अपील की है। उन्होंने दो टूक कहा कि ऐसी शादियों में मत जाइए। बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। बता दें कि नीतीश मंगलवार को मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह कॉलेज परिसर में चंपारण सत्याग्रह स्मृति वर्ष, 2017 को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी, फिर नशाबंदी और अब दहेजबंदी लागू कराना है। चंपारण सत्याग्रह के सौवें वर्ष में बापू को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर देश में पूर्ण शराबबंदी लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए अभी से तैयारी करें, तभी 2019 तक यह संभव हो पाएगा। नीतीश प्रधानमंत्री को याद कराना नहीं भूले कि वे उस राज्य से आते हैं, जहां राज्य के स्थापना काल से शराबबंदी लागू है। लगे हाथ उन्होंने प्रधानमंत्री से यह आग्रह भी किया कि कुछ राज्य शराबबंदी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्टेट हाइवे को डिनोटिफाइ कर परिवर्तित करने में जुट गए हैं। इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। केंद्र सरकार हस्तक्षेप करे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ऐसे तिकड़म लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में आई कमी की चर्चा भी की और शराबबंदी के बाद राज्य को हुए लाभ व उपलब्धियां गिनाईं। इशारों ही इशारों में उन्होंने विपक्ष की जमकर खबर ली और कहा – ‘पूर्ण शराबबंदी कानून को तालिबानी कानून बताने वालों की अब बोलती बंद हो गई है’। नीतीश ने स्वामी विवेकानंद को उद्धृत करते हुए कहा कि किसी भी बड़े और सार्थक प्रयास का पहले मजाक उड़ाया जाता है, फिर विरोध होता है और धीरे-धीरे लोग साथ आ जाते हैं। अब हमारा मकसद गांधी के संदेशों और विचारों को घर-घर तक पहुंचाना है। अगर दस प्रतिशत युवाओं तक यह संदेश हम पहुंचाने में सफल रहे तो यह प्रयास सार्थक साबित होगा।

बकौल नीतीश नई पीढ़ी को गांधी के विचारों से जोडऩा ही अब उनका मकसद है। उम्मीद की जानी चाहिए कि शराबबंदी के बाद वे जिस तरह दहेजबंदी के विरुद्ध कमर कस कर लग चुके हैं, इसके सुखद परिणाम से भी हम बहुत जल्द रू-ब-रू हो सकेंगे।

‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप

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