बिहार में भले ही जेडीयू, आरेजडी और कांग्रेस मिलकर सरकार चला रही हैं लेकिन ‘इंद्रप्रस्थ’ की कुर्सी के लिए तीनों पार्टियां एक-दूसरे से जोर-आजमाइश करती नज़र आएंगी। जी हां, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में इन तीनों दलों के दिग्गज हाथ आजमाने जा रहे हैं। जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जहां बिहार में महागठबंधन की सहयोगी कांग्रेस से अलग ताल ठोकने की तैयारी में हैं, वहीं लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान भी जोर-आजमाइश में जुटे हुए हैं। उधर प्रदेश भाजपा के नेता अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार में जाने को कमर कस चुके हैं वो अलग। एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली की करीब 1 करोड़ 90 लाख की आबादी में लगभग 40 लाख बिहार और पूर्वांचल के मतदाता हैं, जिन्हें बिहार के सारे नेता अपने-अपने दलों की ओर खींचना चाहते हैं।
वैसे जेडीयू की बात करें तो वह पूरी तैयारी के बाद भी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतार सकी थी, लेकिन एमसीडी चुनाव में बिहार से बाहर निकलने का मौका वह अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहती। पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार की मानें तो जेडीयू एमसीडी चुनाव में लगभग सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। इसके मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी के पक्ष में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए 9 अप्रैल को उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली में दो रैलियां करने जा रहे हैं। नीतीश कुमार द्वारा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग करना या अभी हाल ही में जेडीयू का भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठाना भी एमसीडी चुनाव के मद्देनज़र मतदाताओं को अपनी ओर लाने का प्रयास माना जा रहा है।
इधर आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने भी कहा है कि उनकी पार्टी एमसीडी चुनाव में भाग्य आजमाएगी। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में प्रचार के लिए पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित बिहार के कई नेता दिल्ली जाएंगे।
एमसीडी चुनाव को लेकर बिहार महागठबंधन की तरह एनडीए में भी बिखराव देखा जा रहा है। भाजपा के साथ सीटों को लेकर कोई समझौता न होने के कारण लोजपा अकेले ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है। लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान कहते हैं कि पार्टी नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहती थी लेकिन यह नहीं हो सका। उन्होंने कहा, ‘हमें लगता है कि हमारा प्रदेश संगठन चुनाव लड़ने के लिए मजबूत है इसलिए हमने अधिकतम सीटों पर दिल्ली नगर निगम चुनाव लड़ने का फैसला किया है।’
ये तो हुई जेडीयू, आरजेडी और लोजपा की बात। अब जरा भाजपा की भी चर्चा कर लें। भाजपा इन चुनावों को ध्यान में रख बिहार और पूर्वांचल के मतदाताओं को लुभाने के लिए पहले ही दिल्ली की कमान मनोज तिवारी को सौंप चुकी है, जो बिहार से आते हैं। वैसे बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव बताते हैं कि एमसीडी चुनाव के प्रचार के लिए बिहार के कई नेता भी दिल्ली जाने की तैयारी कर चुके हैं।
बहरहाल, दिल्ली के इस बिहारी दंगल का परिणाम क्या होता है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन आप, भाजपा और कांग्रेस के स्पष्ट त्रिकोण में बिहार के दिग्गजों के हाथ कुछ लगेगा, इसकी उम्मीद कम ही है।