बिहार के सरकारी दफ्तर एक जनवरी 2016 से कम्प्यूटर युग का हिस्सा हो जाएंगे। एक जनवरी के बाद सभी संचिकाएं ऑनलाइन बढ़ेंगी। छुट्टी का आवेदन भी ऑनलाइन ही देना होगा। सूचना प्रावैधिकी विभाग तथा बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन ने इसके लिए ई-ऑफिस प्रोजेक्ट बनाया है। इस प्रोजेक्ट के लिए एनआईसी से सॉफ्टवेयर लाइसेंस लिया जा रहा है। इस सॉफ्टवेयर का शुल्क डेढ़ करोड़ है जो एनआईसी को इसी महीने दे दिया जाएगा। सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने कहा कि “छह माह तक विभागवार प्रशिक्षण चलेगा। विधान सभा चुनाव के बाद एक जनवरी से राज्य मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर तक के समस्त कार्यालयों को ई-ऑफिस सेवा से जोड़ दिया जाएगा।“
उपरोक्त प्रोजेक्ट के प्रभावी हो जाने पर फाइलों का इंतजार अतीत की बात हो जाएगी। फाइलें ऑनलाइन ही स्वीकृत-अस्वीकृत होंगी। फाइलों का लोकेशन हर वक्त उच्च अधिकारियों की नज़र में होगा। सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार की सम्भावना भी ना के बराबर हो जाएगी। बिहार में पिछले डेढ़ साल से इस प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा था और अब यह मूर्त रूप लेने जा रहा है। बिहार सरकार इसके लिए बधाई की पात्र है।