आज जबकि परिवारवाद की बात बेमानी हो चुकी है और छोटे-बड़े हर नेता की अगली पीढ़ी स्वयं को राजनीति में स्थापित करने में लगी है, ऐसे में राष्ट्रीय कद के एक नेता – जो किसी सत्ताधारी दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लगातार पांचवीं बार बिहार जैसे राज्य के मुख्यमंत्री हों – के पुत्र यह कहें कि उनकी राजनीति में जाने की कोई इच्छा नहीं है, तो क्या आप यकीन करेंगे? नहीं न? लेकिन हम ढूंढ़ें तो अवसारवाद की पराकाष्ठा के दौर में भी ‘अपवाद’ मिल जाते हैं। जी हाँ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इकलौते बेटे निशांत कुमार ऐसे ही ‘अपवाद’ हैं।
बीते शनिवार को अपनी मां मंजू सिन्हा की जयंती के मौके पर निशांत ने राजनीति के प्रति केवल अपनी अनिच्छा ही नहीं जताई बल्कि यहां तक कहा कि वे राजनीति में कभी नहीं जाएंगे और आध्यात्मिक जीवन व्यतीत करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में उन्होंने अपने पिता को बता दिया है। गौरतलब है कि निशांत, जो नीतीश की इकलौती संतान हैं, प्रारम्भ से कुछ अलग प्रकृति के हैं। मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश के शपथ-ग्रहण जैसे एकाध मौके को छोड़ दें तो राजनीति के गलियारे में वे शायद ही देखे जाते हैं। भीड़-भाड़ और किसी भी तरह के प्रचार से दूर उन्हें एकांत में समय बिताना अधिक पसंद है। बताया जाता है कि अपनी मां की असमय मृत्यु उनके एकांतप्रिय स्वभाव का एक बड़ा कारण है।
बहरहाल, निशांत कुमार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार के प्रमुख राजनेताओं की अगली पीढ़ी के सत्ता व पार्टी संभालने पर दिन-रात चर्चा और विमर्श का दौर चल रहा है। अभी हाल ही में राबड़ी देवी ने कहा है कि उनके उपमुख्यमंत्री बेटे तेजस्वी में मुख्यमंत्री बनने के सारे गुण हैं। वहीं, महागठबंधन के ‘अभिवावक’ लालू प्रसाद ने बच्चों के नेतृत्व के सवाल पर कहा है कि उनकी व नीतीश की उम्र हो चली है और अब भविष्य बच्चों का है।
लालू के दोनों बेटे तेजस्वी-तेजप्रताप और बेटी मीसा न केवल राजनीति में सक्रिय हैं बल्कि कई पद भी संभाल रहे हैं। उधर रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान भी राजनीति को पूरी तरह अपना करियर बना चुके हैं और जमुई से सांसद होने के साथ-साथ लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। इन सबके बरक्स निशांत की राजनीति से इस कदर अरुचि सचमुच चौंकाने वाली है।
बता दें कि स्वर्गीय मंजू सिन्हा की जयंती के अवसर पर निशांत और उनके पिता नीतीश कुमार उनकी स्मृति में पटना के कंकड़बाग में बनाए गए पार्क में श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। इस दौरान पिता नीतीश के बारे में पूछे जाने पर निशांत ने कहा कि उनके पिता ने हमेशा बिहार की सेवा की है। वे बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद से लगातार बिहार के विकास के लिए काम करते रहे हैं और ईश्वर ने उन्हें इसके लिए आशीर्वाद दिया है। वहीं पिता नीतीश के प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर निशांत का कहना था कि उनके पिता के पास विजन है। अगर देश की जनता चाहेगी और ईश्वर का आशीर्वाद होगा तो वे अवश्य प्रधानमंत्री बनेंगे।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप