दिन-ब-दिन और विराट होते जा रहे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने शुक्रवार को इतिहास रच दिया। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ हैदराबाद में खेले जा रहे टेस्ट मैच के दूसरे दिन दोहरा शतक जड़कर वो कारनामा कर दिखाया जो क्रिकेट इतिहास में अब तक कोई नहीं कर पाया था। जी हाँ, कोहली अब दुनिया के अकेले ऐसे बल्लेबाज हैं जिसने लगातार चार टेस्ट सीरीज में दोहरे शतक बनाए हों। अपनी इस ऐतिहासिक पारी में कोहली ने 204 रन ठोके और और उनकी इस पारी की बदौलत भारत ने मात्र छह विकेट पर 687 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया। गौरतलब है कि टेस्ट क्रिकेट में भारत का यह पांचवां सर्वोच्च स्कोर है और इस स्कोर के साथ भारतीय टीम लगातार तीन पारियों में 600 से ज्यादा रन बनाने वाली दुनिया की इकलौती टीम बन गई है।
फिलहाल बात विराट कोहली के डबल सेंचुरी के अद्भुत ‘चौके’ की। शुक्रवार को बांगलादेश के खिलाफ खेले जा रहे एकमात्र टेस्ट के दूसरे दिन कोहली ने अपने ओवरनाइट स्कोर 111 से आगे खेलना शुरू किया और लंच के बाद अपना चौथा शतक पूरा किया। इस दौरान क्रिकेट के इस 28 वर्षीय ‘करिश्मे’ ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। 204 रनों के साथ ही कोहली होम सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बन गए। ऐसा करते हुए उन्होंने वीरेन्द्र सहवाग का रिकॉर्ड तोड़ा।
बहरहाल, कोहली का यह दोहरा शतक क्या मायने रखता है इसका अंदाजा हम इसी से लगा सकते हैं कि अपनी इस उपलब्धि के साथ उन्होंने सर डॉन ब्रैडमैन और राहुल द्रविड़ का रिकॉर्ड तोड़ दिया जिन्होंने लगातार तीन टेस्ट सीरीज में तीन दोहरे शतक लगाए थे।
याद दिला दें कि कोहली ने अपना पहला दोहरा शतक वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में बनाया था। इस मैच में उन्होंने 200 रन बनाए थे। इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ इंदौर में उन्होंने 211 रन बनाए। उनका तीसरा दोहरा शतक (235 रन) इंग्लैंड के खिलाफ था और अब बांग्लादेश के खिलाफ 204 रनों की ये यादगार पारी।
टेस्ट क्रिकेट में चार दोहरे शतक के साथ कोहली ने सुनील गावस्कर की चार डबल सेंचुरी की बराबरी भी कर ली। वैसे भारत की ओर से सचिन और सहवाग ने सर्वाधिक 6-6 दोहरे शतक बनाए हैं, जबकि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा 12 दोहरे शतक डॉन ब्रैडमैन के नाम हैं। पर महज 28 साल के कोहली के रनों का जैसा तूफानी सिलसिला चल रहा है, कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी अगर ये धाकड़ बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन के दोहरे शतकों का रिकॉर्ड भी तोड़ दे।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप