Giriraj Singh

किसी में हिम्मत हो तो ‘उनके’ धर्मगुरु पर फिल्म बनाए : गिरिराज

अपने विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले भाजपा नेता एवं केन्द्र सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है। इस बार उनका बयान फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर आया है। गिरिराज का कहना है कि फिल्म में रानी पद्मावती को इस तरह दिखाने का मूल कारण यही है कि वो हिन्दू थीं। पद्मावती अगर हिन्दू नहीं होतीं तो शायद ही कोई इस तरह की हिम्मत दिखा पाता।

गौरतलब है कि 27 जनवरी को जयपुर के जयगढ़ किले में फिल्म ‘पद्मावती’ की शूटिंग के दौरान राजपूत संगठन करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने अचानक हमला बोल दिया था। उन्होंने सेट पर जमकर तोड़-फोड़ की, यूनिट के लोगों को मारा-पीटा और अभद्रता की पराकाष्ठा ये कि हिन्दी सिनेमा को कई यादगार फिल्में देने वाले इस फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली को थप्पड़ मारने से भी वे नहीं झिझके। उनका आरोप था कि इस फिल्म के लिए अलाउद्दीन खिलजी (रणवीर सिंह) और रानी पद्मावती (दीपिका पादुकोण) के बीच कथित तौर पर ‘लव सीन’ फिल्माया जा रहा था, जिस पर उन्हें सख्त आपत्ति थी। हालांकि भंसाली फिल्म ऐसे किसी आपत्तिजनक प्रसंग से इनकार कर चुके हैं।

बहरहाल, करणी सेना को इस घटना से पूर्व राजस्थान से बाहर के लोग शायद ही जानते हों। इस तरह के कई संगठन विभिन्न राज्यों में हैं जो संकीर्ण विचारधारा से प्रेरित होते हैं और ‘तात्कालिक लाभ’ के लिए इस तरह के कार्य करते हैं। लेकिन केन्द्रीय कैबिनेट में बैठे किसी मंत्री से ऐसे बयान की आशा नहीं की जा सकती थी। हद तो तब हो गई, जब उन्होंने उक्त घटना का समर्थन तक कर दिया। बकौल गिरिराज, ‘जनता ने भारतीय इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने वालों को सजा’ दी है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि रानी पद्मावती ने अपने आपको मिटा दिया लेकिन मुगलों के आगे धुटना नहीं टेका, लेकिन इस देश में औरंगजेब और टीपू सुल्तान को आदर्श मानने वाले लोग इतिहास के साथ लगातार खिलवाड़ कर रहे हैं।

गिरिराज इतने पर भी रुक जाते तो एक बात थी। पर वे तो अपनी आदत (या राजनीति) से लाचार ठहरे। आगे उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हिन्दू देवी-देवताओं पर कोई भी फिल्म बना देता है। फिर एक खास समुदाय की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि किसी में हिम्मत हो तो उनके धर्मगुरु पर कोई फिल्म बनाकर दिखाए। क्या गांधी के इस देश में नेताओं का काम बस ‘आग’ में ‘घी’ डालना रह गया है?

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

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